दूसरा दलित साहित्य महोत्सव 16 एवं 17 फरवरी को दिल्ली में

• देश भर के बुद्धिजीवी  होंगे शामिल
• देशभर के विश्वविद्यालयों से शिक्षक-शोधार्थी होंगे शामिल
• दलित साहित्य एवं उसकी वैचारिकी से संबंधित पुस्तकों का भी विमोचन एवं पुस्तक मेले का आयोजन
• सिनेमा और अन्य कला माध्यमों के द्वारा वंचित समुदायों में सामाजिक चेतना का प्रसार
• वंचित समुदायों से संबंधित लोकगीत-लोकनाटकों की प्रस्तुति


     5 फरवरी 2020 को अम्बेडकरवादी लेखक संघ द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज में किया गया । प्रेस कॉन्फ्रेंस में द्वितीय दलित साहित्य महोत्सव के संयोजक डॉ नामदेव ने बताया कि 16-17 फरवरी 2020 को द्वितीय दलित साहित्य महोत्सव का आयोजन किरोड़ीमल कॉलेज के प्रांगण में संपन्न होगा । दलित, आदिवासी, स्त्री, घुमंतू, अल्पसंख्यक एवं अन्य वंचित समुदायों में सामाजिक- सांस्कृतिक चेतना का प्रसार करने के उद्देश्य से इस महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है । इस सम्मेलन का एक प्रमुख ध्येय साहित्य के माध्यम से दलित-वंचित समुदायों के जीवन की वास्तविकताओं को सामने लाना भी है । उन्होंने आगे बताया कि इस महोत्सव में देश भर के करीब 15 भाषाओं के लेखक, विचारक, चिंतक, सामाजिक कार्यकर्ता और संस्कृतिकर्मी कलाकार शामिल हो रहे हैं ।
कार्यक्रम की सह- संयोजक डॉ. नीलम ने कहा कि वर्तमान परिवेश में वंचित समुदायों के समक्ष चुनौतियां बढ़ी हैं । सत्ता और पूंजीवादी शक्तियां शोषण के नित्य नए रूप में सामने आ रही हैं । ऐसे परिवेश में सत्ता और पूंजीवादी शक्तियों को समझना भी बहुत जरूरी है । यह कार्य साहित्य के माध्यम से प्रभावशाली तरीके से किया जा सकता है । दलित साहित्य डॉ.अम्बेडकर के विचारों के मार्गदर्शन में शोषक शक्तियों से लगातार संघर्ष कर रहा है ।
 
दलित साहित्य महोत्सव सह-संयोजक प्रो.प्रमोद मेहरा ने कहा कि महोत्सव में कई विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं शोधार्थी भी अपने शोध-पत्रों के माध्यम से दलित-वंचित समुदायों की साहित्यिक-सांस्कृतिक चेतना को प्रस्तुत करेंगे।
दलित साहित्य महोत्सव के संस्थापक संजीव डांडा ने बताया इस अवसर पर दलित साहित्य से संबंधित पुस्तक मेले का आयोजन किया जायेगा | इसके साथ ही नाट्यकला, गीत-संगीत के माध्यम से वंचित समाज की बात की जायेगी।
अम्बेडकरवादी लेखक संघ के अध्यक्ष डॉ. बलराज सिंहमार ने बताया कि अम्बेडकरवादी लेखक संघ सामाजिक न्याय की अवधारणा एवं सामाजिक परिवर्तन के विचारों का वाहक है। इस महोत्सव के माध्यम से सामाजिक न्याय के विचारों के प्रचार-प्रसार में भी मदद मिलेगी ।
मीडिया सचिव अशोक बंजारा ने भी कहा कि यह महोत्सव इसलिए भी विशेष कि इसमें समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा |
 आयोजन संगठन है
 : अम्बेडकरवादी लेखक संघ, किरोड़ीमल कॉलेज (हिंदी विभाग), दलित आदिवासी शक्ति अधिकार मंच, रश्मि प्रकाशन, लखनऊ, रिदम पत्रिका, दलित लेखिका परिषद्, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय