भारत जोड़ो - संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा 29वें दिन मल्लापुरम होकर त्रिशूर पहुंची| 

भाजपा -आर एस एस ने सुनियोजित साजिश के तहत दिल्ली को 1984 और 2002 की तर्ज पर दिल्ली को आग में झोंकने का षड्यंत्र किया, जिसे दिल्ली की जनता ने विफल कर दिया।
जस्टिस मुरलीधर का मध्यरात्रि तबादला अनुचित| 


30 जनवरी को गांधी स्मृति, दिल्ली से निकली भारत जोड़ो-संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा 29वें दिन शाहीन बाग कालीकट होते हुए मल्लापुरम पहुंची, कालीकट में सबरीमाला में घुसने वाली पहली महिला नेत्री बिंदु जी ने यात्रियों का स्वागत किया।


बिंदु जी और साथियों से यात्रियों का स्वागत करते हुए डॉ. सुनीलम से अनुरोध किया कि वे केरल के 9 शाहीन बागों को देश भर के साथ जोड़ें। डॉ. सुनीलम ने हम भारत के लोग द्वारा संयोजन के प्रयासों की जानकारी दी। सभा के बाद दिल्ली हिंसा में मारे गए नागरिकों को श्रंद्धाजलि दी गई।


यात्री  सामाजवादी वरिष्ठ सांसद को देखने मित्रा अस्पताल जहां, वे इलाज के लिए भर्ती हैं वहां उनका हालचाल पूछने गये। उन्होंने यात्रा को समाजवादी आंदोलन को मजबूत करने वाली यात्रा बतलाते हुए शुभकामनाएं दी तथा यात्रियों ने वीरेंद्र कुमार जी के जल्द स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
कालीकट से निकालकर यात्रा मल्लपुरम, केरल पहुंची, सबाक पुलपता (जिला अध्यक्ष, लोकतांत्रिक जनता दल) प्रोफेसर एब्राम्हम पी मैथ्यू, एम.सिदार्थांन (जिला सचिव, लोकतांत्रिक जनता दल), अधिवक्ता जनार्दन, अली पुल्लीतोडी, सईद अलवी मास्टर ने यात्रियों का स्वागत किया। बस स्टैंड, आज़ादी स्क्वायर पर सभा का आयोजन किया गया। सिद्धार्धन ने स्वागत भाषण से सभा की शुरुआत की।


मल्लापुरम के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों अब्दुर्रहमान, मोइडु मौलवी, एम. पी. नारायण मेनन और के. माधवन नायर को याद करते हुए डॉ. सुनीलम ने चंद्रशेखर आज़ाद की पुण्यतिथि पर उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि देश की आज़ादी सबने मिलकर हासिल की थी, लेकिन आईडिया ऑफ इंडिया को दिल्ली सरकार खत्म करने पर आमादा है। दिल्ली में गत 3 दिनों में हुए हमले भाजपा और आर.एस.एस.की सुनियोजित साजिश के तहत हुए है। 1984 और 2002 की तर्ज पर दिल्ली को आग में झोंकने का षड्यंत्र  किया गया, जिसमें दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही।


लेकिन दिल्ली के नागरिकों के द्वारा संयम और धैर्य दिखलाते हुए षड्यंत्र विफल कर दिया गया। इन हमलों के माध्यम से भा.ज.पा., सी.ए.ए.-एन.आर.सी. विरोधी आंदोलनकारियों को डराना चाहती है। जस्टिस मुरलीधर के तबादले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा न्यायपालिका चिंतित है, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस चंद्रचूड़ के भाषणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने विरोध को लोकतंत्र का मर्म और सार बतलाया।


डॉ. सुनीलम ने कहा आज समजवादी नेता आज़म खान को फंसाया जा रहा है कल करोड़ों नागरिकों को जन्मप्रमाण पत्र के मामले में एन आर सी को लेकर फंसाया जाएगा, उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा।


प्रोफेसर एब्राहम ने कहा कि संघ परिवार न्यायपालिका पर दवाब डाल रहा है। जस्टिस लोया की हत्या को अभी लोग भूले नहीं हैं, उन्होंने कहा कि सी ए ए, संविधान के अनुच्छेद 14 का सीधा उल्लंघन करता है। 


आराधना भार्गव ने कहा कि देश में कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया स्वतंत्रता पूर्वक काम नहीं कर पा रही है। जस्टिस मुरलीधर का आधी रात में तबादला करना इस बात का जीता जागता प्रमाण है।
सुशीला ताई मोराले ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि केंद्र सरकार ने भारत में अघोषित आपातकाल का माहौल खड़ा कर दिया है। डॉ. लोहिया को याद करते हुए उन्होंने कहा कि 'जब सड़के सुनसान हो जाती हैं तो संसद आवारा हो जाता है।' इसलिए हमें फासिस्ट ताकतों का डटकर सामना करना पड़ेगा, तभी जीत मिलेगी। 


पी जे जोसी ने कहा कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें मोदी और शाह के फासीवादी सोच का असर देखने को मिला। उन्होंने कहा कि समाजवादी विचार यात्रा फासीवादी विचार को देश में पनपने से रोकने के लिए निकाली जा रही है।


यात्रा के सांस्कृतिक केंद्र त्रिशूर पहुंचने पर यूजन मोरेली (लोकतांत्रिक जनता दल, जिला अध्य्क्ष), विंसेंट पुथुर, बाबू के के, विंसेंट यूकेन,रोबर्ट फ्रांसिस,साइमन मास्टर,डेविस विलथुकरण (एच एम एस )और गीता पी, प्रोफेसर कुसमम, लैला (एन ए पी एम) ने यात्रियों का स्वागत किया| 


सभा को यात्रा के बारे में बताते हुए यात्रा के संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि 150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों की पुनर्स्थापना तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थापना हेतु यह यात्रा निकली है। अब तक यात्रा में 103 कार्यक्रम हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरी होगी। जहां डॉ. लोहिया के जन्मदिवस और शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर समाजवादी समागम आयोजित किया जाएगा। 


इनके अलावा यात्रीगण लोकेश भिवानी (हरियाणा), रोहन गुप्ता (झारखण्ड), अंजना (उत्तराखण्ड) ने भी अपने विचार रखे।


यात्रा में महाराष्ट्र से आज से संगीता, दुर्योधन, विनायक, अनिल और बापू भी शामिल हुए।


उल्लेखनीय है कि समाजवादी समागम 5 वर्षों से चलाई जा रही एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।