"शाहीन" शब्द ही अपने आप में बहुत मज़बूत शब्द है... शाहीन एक पक्षी का नाम है, पुरातन सभ्यताओं में इसे पूजा जाता था... ये पहाड़ों में रहने वाला पक्षी ग़ज़ब की नज़र, रफ़्तार और झपटने का अन्दाज़ रखता है.... और इसमें धैर्य और संयम भी कमाल का होता है......
अल्लामा इक़बाल का एक बहुत मशहूर शेर है
नहीं तेरा नशेमन क़स्र-ए-सुल्तानी के गुम्बद पर
तू शाहीं है बसेरा कर पहाड़ों की चटानों में
अनुवाद :
तेरा घोंसला किसी बादशाह के महल के गुंबद पे नहीं हो सकता
तू शाहीन है, पहाड़ों पे जाके बसेरा कर