नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे हज़ारों युवा और छात्र 


सत्याग्रह को मिला अभूतपूर्व समर्थन ।
भारत बंद के समर्थन में डॉ सुनीलम के नेतृत्व में सत्याग्रह किया गया । सत्याग्रह के दौरान अंबेडकर चौक पर सभा को संबोधित करते हुए डॉ सुनीलम ने कहा कि यह कानून भेदभाव पूर्ण और संविधान विरोधी है इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है ।
डॉ सुनीलम ने कहा नागरिकों की पहचान के लिए पहले वोटर कार्ड बनवाया ,फिर आधार कार्ड बनवाया ,खाता खुलवाया अब नागरिकता को लेकर 70हज़ार करोड़ खर्च किया जा रहा है। जबकि पहले भी लगभग डेढ़ करोड़ खर्च किया जा चुका है।
इस पैसे का इस्तेमाल शिक्षा ,स्वास्थ्य और रोजगार की सेवाएं हर नागरिक को देने के लिए किया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि यदि प्रताड़ित समुदाय को नागरिकता ही जानी है तो  श्रीलंका के तमिलों ,चीन के बोद्ध   समुदाय ,नेपाल के मधेसियों ,बांग्लादेश के रोहांगया समुदाय ,पाकिस्तान के अहमदियों ,बलूचियों और सिंधियों के  को भी नागरिकता दी जानी चाहिए थी।
सत्याग्रह के दौरान सभा को  जगदीश दोड़के , मोहम्मद कयूम चौहान ,वाहिद पठान ,शोएब मलिक  ,जुबेर चौहान  फाजिल,तनवीर ,खीजर ,गौतम उबनारे ,पाशाखान,अल्ताफ भाई ,कृपाल सिंह ने संबोधित किया।
सत्याग्रह के बाद ,नागरिक  संशोधन कानून रद्द करो ,संविधान की रक्षा हम करेंगे के नारे के साथ अंबेडकर चौक से तहसील कार्यालय तक रैली निकाली गई तथा अनुविभागीय अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।ज्ञापन पत्र में भेदभावपूर्ण संविधान विरोधी सी ए ए - एन आर सी - एन पी आर को रद्द करने की मांग की गई।
 छात्राओं और पट्टन के भीम सेना के युवाओं की भागीदारी को मुलताई वासियों से जम कर सराहा।