कहाँ से इतना साहस बटोर रहे हैं ये नौजवान?


20 साल का हरजीत सिंह बीए सेकंड ईयर पॉलिटिकल साइंस का विद्यार्थी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग में पढ़ता है और दक्षिण दिल्ली के संगम विहार में रहता है। संगम विहार पहले दिल्ली की एक unauthorised colony हुआ करती थी। अभी क्या स्थिति है नहीं पता।


कल हरजीत सीलमपुर में आयोजित CAA विरोधी कार्यक्रम में हिस्सा लेने जा रहा था। रास्ते में बाबरपुर में उसने देखा कि भीड़ में कोई भाषण दे रहा है। पता चला कि गृह मंत्री अमित शाह की रैली है। उसे लगा कि सीलमपुर जाने से पहले यहीं CAA के विरोध में आवाज़ उठाना जरूरी है। भीड़ में घुसकर उसने जोर से नारा लगाया- CAA वापस लो। उसके बाद मंच से गृह मंत्री ने security staff से कहा कि इस लड़के को बाहर ले जाओ। भीड़ में पिटाई हुई, पुलिस लॉक अप में बंद किया गया। आज यह कहानी Indian Express में छपी है।



सवाल है कि ये लड़के और ये लड़कियाँ डर क्यों नहीं रही हैं? कोई अपने बालकनी से चादर तान दे रहा है तो कोई भीड़ में घुसकर सरेआम विरोध में नारे लगा दे रहा है? हो क्या रहा है? एक तरफ 80 साल की दादियां है तो दूसरी तरफ 20 साल के लड़के और लड़कियाँ।


Manoj Kumar