दुनिया के सारे धर्म हम मनुष्यों की बेहतरी और हमारे निजी या सामाजिक जीवन को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए। सारे धर्मग्रंथ, तमाम अवतार, देवदूत, ईश्वर-पुत्र और पैगंबर मनुष्यों को रास्ता दिखाने के लिए आए। मनुष्यता के निर्माण में इन सभी का थोड़ा-बहुत योगदान रहा है। इसीलिए दुनिया के सभी धर्मों, सभी धर्मग्रंथों, सभी अवतारों और पैग़म्बरों का सम्मान होना चाहिए। यदि कोई उनका अपमान करता है तो उसके विरोध के बहुत सारे शांतिपूर्ण तरीके हैं। उनके सम्मान के नाम पर पर मनुष्यों के क़त्ल को दुनिया के किसी भी धर्म की दृष्टि से जायज़ नहीं ठहराया जा सकता। तमाम धर्मो की चिंता के केंद्र में मनुष्य है। दुनिया का कोई भी धर्म एक इंसानी जान से ज़्यादा क़ीमती नहीं हो सकता।
फ्रांस और दुनिया कई दूसरे देशों में भी धर्म और फ़िरक़ों के नाम पर जिस तरह हत्याएं हो रही हैं और दुनिया भर में दहशत का जैसा माहौल बन रहा है, उससे तो यही लगने लगा है कि इंसानियत की हिफाज़त के लिए बने धर्म ही अब इंसानियत के लिए सबसे बड़े ख़तरे बन चुके हैं।
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