गूंजे धरती और आकाश . देश का नेता जयप्रकाश




जन्म 11 अक्टूबर 1902 पूर्ण तिथि 8 अक्टूबर1979

आजादी के महान योद्धाओं के उत्तर नेहरू युग की पीढ़ी के निर्णायक मूल्यों के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण ही थे डॉ राम मनोहर लोहिया अशोक मेहता मामा बालेश्वर दयाल आदि कांग्रेस के नैसर्गिक विकल्प की तरह हावी रहे इनमें जेपी सबसे लोकप्रिय और प्रखर थे महात्मा गांधी और लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने सत्ता से निरपेक्ष रहकर राजनीति को मूल हीनता के दलदल में जाते हुए देखा जयप्रकाश नारायण यदि राजनीति नहीं छोड़ते तो मुनासिब है नेहरू के बाद प्रधानमंत्री बनते यदि उन्हें 15 वर्ष का प्रधानमंत्री कार्यकाल मिला होता तो देश की प्राथमिकताओं में भ्रष्टाचार भाई भतीजावाद विलासिता धर्मांधता कुछ समय के लिए हाशिए पर होते

लोकनायक जयप्रकाश नारायण का ही प्रयोग है जनता पार्टी के नाम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जन संघ परिवार के तमाम लोग भवन में भारी संख्या में घुस पाए जिसे लोकसभा कहते हैं मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीति उदय का एक बड़ा शेरय जयप्रकाश नारायण के खाते में जाता है

भारतीय राजनीति में नेहरू के बाद सबसे प्रखर राजनेता को नेहरू ने बड़ी लाड में गंभीरता से अपना प्रधानमंत्री पद का उत्तराधिकारी घोषित किया था जयप्रकाश नारायण ने कई बार नेहरु की खिलाफत की संविधान सभा की सदस्यता से भी उनकी अगुवाई में समाजवादियों ने बहिष्कार किया था

1973 / 1974 गुजरात बिहार विद्यार्थियों की नवनिर्माण आंदोलन को आशीष देकर जयप्रकाश नारायण ने 3 वर्ष में कांग्रेस को धूल चटा दी और नेहरु की बेटी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सड़कें नापना पड़ी जेपी का करिश्मा था भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान देश की तरुणाई में बगावत का सोला भर गए डॉक्टर लोहिया और जयप्रकाश नारायण गिरफ्तारी से बचने के लिए नेपाल भाग गए उन्हें गिरफ्तार हो जाने पर बापू ने ब्रिटिश हुकूमत को ललकारा

जयप्रकाश नारायण गिने चुने नेताओं में गांधी के ग्राम स्वराज के साथ थे पंचायती राज का बेड़ा गर्क होने पर विनोबा भावे के भूदान आंदोलन में शामिल हो गए चंबल बुंदेलखंड के डाकू का आत्मसमर्पण कराना जैसा क्रांतिकारी कदम भी उन्हीं की देन है जेपी का भारतीय राजनीत से बैराग दुखद परिच्छेद है जेपी जैसी कद काठी का करिश्माई नेता भारतीय राजनीति बेदखल हो गया डॉ राम मनोहर लोहिया चाहते थे जयप्रकाश नारायण गैर कांग्रेस बाद की राजनीति की धुरी बने बकौल डॉ लोहिया जयप्रकाश नारायण ज़ी सार्थक भूमिका के लिए भारत की राजनीति के इतिहास को भेद सकते थे दत्त लोहिया के निधन के 10 वर्ष बाद लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने उनकी भविष्यवाणी को सिद्ध कर दिया

महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी समाजवादी नेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके चरणों में शत शत नमन करता हूं

कैलाश रावत