आरोग्य सेतु का गड़बड़झाला


आपने आरोग्य सेतु एप इनस्टॉल किया था क्या?

क्या आपको पता है ये ऐप किसने बनाया? इसका डाटा कहां जाता है? किसके अंडर आता है? आपको नहीं पता न? कोई बात नहीं, सरकार को भी नहीं पता। इस एप ने अपने क्रिएशन(बनाने) का क्रेडिट NIC (National Informatics Centre) और information technology मिनिस्ट्री को दिया हुआ है। लेकिन दोनों ही संस्थानों यानी NIC और मंत्रालय दोनों ने ही एक RTI के जबाव में मना कर दिया है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि ये ऐप कहाँ बना है, किसने बनाया है। है न गजब की बात, एप मंत्रालय को क्रेडिट दे रहा है और मंत्रालय है कि मानने तक के लिए तैयार नहीं है कि ये ऐप उसने बनाया है। लेकिन अब सवाल ये उठता है कि अगर ये ऐप मंत्रालय ने नहीं बनाया तो किसने बनाया है? क्या इस एप का नियंत्रण भाजपा पार्टी और उसके आईटी सेल के पास है?



सरकार ने इस एप को होटल, रेस्टोरेंट से लेकर एयरपोर्ट सभी जगह अनिवार्य कर दिया था, जिस तरह की जानकारी इस एप से जुटाई जानी थी, जिस तरह का पर्सनल डाटा इससे एक्सेस किया गया था उसे लेकर तकनीकी के जानकारों ने तमाम चिंताएं और सवाल खड़े किए थे। ये तब था जब उनको लगता था कि नागरिकों का बेहद संवेदनशील डाटा सरकार के पास जाने वाला है। लेकिन सोचिए अब तो स्थिति और गम्भीर है कि RTI के जबाव में सरकार ने मना ही कर दिया कि ये ऐप उसने बनाया ही नहीं है। अगर इसका एक्सेस NIC के पास नहीं है, मंत्रालय के पास नहीं है तो किसके पास है?



थैंक्स गॉड की ये ऐप मैंने इनस्टॉल नहीं किया, इस सरकार और इस प्रधानमंत्री पर मेरा कोई भरोसा नहीं रह गया। सरकार के पास आपका डाटा है लेकिन आपको नहीं पता कि आपका डाटा किसके पास है। पीएम केयर के थ्रू आपका दान किया हुआ पैसा सरकार के पास है लेकिन आपको नहीं पता कि वह पैसा कहां खर्च हुआ। असल में इस सरकार के आगे आपकी नागरिक वाली औकात ही नहीं रही।



@ Shyam Meera Singh

कार्टून:
Cartoonist Kaptan