स्वामी अग्निवेश नहीं रहे

विनम्र श्रद्धांजलि
स्वामी अग्निवेश नहीं रहे
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1991 में बनखेड़ी में आदिवासी महिलाओं से बलात्कार और आदिवासियों पर अत्याचार के खिलाफ चल रहे समता संगठन के आंदोलन में भाग लेने स्वामी अग्निवेश स्व.कॉमरेड शंकर गुहा नियोगी ,स्व.ओमप्रकाश रावल के साथ पिपरिया बनखेड़ी के दौरे पर आए थे l इस दौरान उन्होंने विजनहाई ,पलिया पिपरिया , बनखेड़ी का दौरा करके पीड़ित आदिवासी किसानों और संगठन के कार्यकर्ताओं से भेंट कर हिम्मत बड़ाई थी l उसके उपरांत 9 सितंबर 1991 को पिपरिया के मंगलवारा चौराहे पर आयोजित विशाल आमसभा को सम्बोधित किया था l सभा की अध्यक्षता दिवंगत समाजवादी नेता नारायण दास मौर्य ने की थी तथा सभा का संचालन युवा नेता भाई किशोर डाबर ने किया था l सभा मे दिवंगत समता साथी सुनील भाई , स्व. चमन गोदानी और स्व श्रीकृष्ण माहेश्वरी उपस्थित थे l श्री सब्बरसिंह मंडलोई , साथीअफलातून और स्व.डॉ स्वाति जी भी उस समय पिपरिया में थे l स्टूडेंट आर्गनाइजेशन के युवा साथियों ने इस आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान दिया था l



स्वामी अग्निवेश ने अपने ओजस्वी और प्रभावी भाषण में तत्कालीन सरकार को जेल में बन्द संगठन के कार्यकर्ताओं और आदिवासियों शीघ्र रिहा करने की चेतावनी दी थी l


पिपरिया आने से पहले ही हम और हमारे साथी स्वामी जी की शख्सियत से परिचित और प्रभावित थे l वे बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और संयोजक थे l देश के विभिन्न जनांदोलनों में स्वामी जी सहभागिता से सदैव ऊर्जा मिलती थी l वे आर्य समाज के प्रमुख कार्यकर्ता थे l सांप्रदायिकता ,जातिवाद ,अंधविश्वास के प्रबल विरोधी स्वामी जी सर्वधर्म समभाव के हिमायती थे l अपने विचारों को पूरी निडरता से व्यक्त करने वाले स्वामी जी पर भाजपाई गुंडों ने झारखंड में हमला किया था l अटल जी को श्रद्धांजलि देने के लिए जाते हुए रास्ते मे भाजपा के लम्पटों ने उन जैसे बुजुर्ग को दौड़ा दौड़ा कर मारा और उनके कपड़े फाड़ दिए l इस व्यक्तिगत हमले और अपमान का उन्होंने अहिंसात्मक प्रतिकार किया l दुख की बात यह है कि भाजपाइयों की इस गुंडागर्दी की पार्टी के किसी बड़े नेता ने ना निंदा की और ना अफसोस जताया l इससे यह साबित हो गया कि यह गुंडागर्दी भाजपा के नेताओ के इशारे पर हुई थी ताकि स्वामी जी की निडर आवाज़ को खामोश कर दिया जाय l


व्यक्तिगत मान अपमान और तमाम विरोधाभास झेलते हुए भी उन्होंने अपने विचारों से कभी समझौता नही किया और अनवरत अपने मिशन में लगे रहे l
सामाजिक क्रांति के सूत्रधार को शत शत नमन


GOPAL RATHI