प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' का लाभ देश को कितना मिला है?

बिहार देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां आज भी नब्बे फ़ीसद से अधिक खेतों में डीज़ल पंपसेट के सहारे सिंचाई होती है। जबकि देश के बहुत सारे राज्यों में ढाई-तीन दशक पूर्व खेतों में विद्युतीकरण हो चुका है। आज बिहार के गांवों में पंद्रह से अठारह घंटे तक बिजली आपूर्ति है, लेकिन खेतों तक बिजली अभी तक नहीं पहुँची है। हमारे वज़ीर-ए-आज़म जनाब मोदी साहब ने पहले कार्यकाल के दूसरे साल में 'प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' की शुरुआत की थी। करोड़ों रुपये इस मद में ख़र्च हुए।


लेकिन मेरा दावा है कि बमुश्किल तीन-से चार फ़ीसद लोग की इस योजना के बारे में जानते होंगे। 'प्रधानमंत्री सिंचाई योजना' का लाभ देश को कितना मिला है? इस बारे में हालिया न तो कोई ख़बर प्रकाशित हुई है और न ही प्रधानमंत्री व उनके मंत्रिमंडल में शामिल सदस्यों ने कोई अधिकृत बयान दिया है।



दो महीने बाद बिहार में वि.स.चुनाव होने हैं। मोदी साहब इन दिनों राज्य में नित्य नए विकास परियोजनाओं की शुरुआत कर रहे हैं। लेकिन उनके मुख से कभी भी प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का ज़िक़्र नहीं होता? आख़िर क्यों? बहरहाल, बिहार के ग्रामीण पृष्ठभूमि से जुड़े हमारे फ़ेसबुक मित्र मेरे इन सवालों पर कृपया अपना अनुभव साझा करें।


1. गांव में आपकी कृषि भूमि की सिंचाई का जरिया क्या है?


2. क्या आपके गांव में स्टेट बोरिंग/सरकारी नलकूप है? अगर है तो क्या वह चालू अवस्था में है?


3. क्या आपके गांव में कोई नहर है? अगर है तो, क्या उसमें पानी का बहाव है? या फिर नहर का मार्ग अवरूद्ध कर उसकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया गया है?


Abhishek Ranjan Singh