फिरोज़ाबाद के 75 वर्षीय डॉक्टर विनोद गुप्ता की मौत हो गयी. उन्होंने शादी नहीं की थी और उनक सैकड़ों मरीज रहे उनके अपने बच्चे,नाते-रिश्तेदार थे. विनोद गुप्ता का घर मुस्लिम बहुत इलाके में था. उनकी जब मौत हुई तो क्या हिन्दू-क्या मुस्लिम, चारों तरफ मातम पसर गया. लेकिन इस मातमी माहौल के बीच से जो ख़बर निकलकर आयी वो पूरे हिन्दुस्तान के लिए एक उम्मीद है, देश की ताक़त है.
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मोहल्ले के मुसलमानों ने उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी की, अपने कंधे पर अर्थी को उठाया और राम नाम सत्य है,बोलते हुए आगे बढ़ते गए. वो राम जो जितने तुलसी के हैं, उतने ही कबीर के, उतने ही नानक के भी, उतने ही हिन्दुओं के भी और उतने ही डॉक्टर गुप्ता के मोहल्ले के मुसलमानों के भी क्योंकि ये राम,मीडिया के राम नहीं हैं.