बांता री फुलवारी बिखेरने वाले कथाकार


विजयदान देथा राजस्थानी और हिंदी भाषा के जाने माने कथाकार और व्यंग्यकार थे इन्होने 800 से अधिक कहानियां लिखी हैं. 1973 में फिल्म निर्माता मणि कौल ने इनकी कहानी दुविधा पर दुविधा नाम से और शाहरुख खान ने इसी कहानी पर पहेली नाम से फिल्म बनाई.


ये फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई. इनकी बाता री फुलवारी 14 खंडों में हैं. अलेखू हिटलर, अनोखा पेड़, महामिलन, सपनप्रिया आदि इनके प्रसिद्ध ग्रंथ हैं.



विजयदान देथा, जिन्हें बिज्जी के नाम से भी जाना जाता है, वे राजस्थान के एक प्रसिद्ध लेखक और पद्म श्री पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार जैसे कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। देथा के पास अपने क्रेडिट के लिए 800 से अधिक लघु कथाएँ हैं, जिनका अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में अनुवाद किया गया है।


बिज्जी का जन्म 1 सितंबर 1926 में और मृत्यु 10 नवम्बर 2013 को हुई l आपका जन्म राजस्थान में जोधपुर जिले के बोरुंदा गांव में हुआ और आपने अधिकतर लेखन अपने गांव में रहकर ही किया l जिसकी ख्याति दुनिया भर में फैली l