अशासकीय स्कूल में शिक्षक


हम शिक्षा के निजीकरण और व्यवसायीकरण के खिलाफ है और सबको समान शिक्षा के हिमायती हैं l शासकीय शिक्षा तंत्र को सुदृढ और प्रभावी बनाने के पक्षधर है l इस मुद्दे पर किसी को कोई गलत फहमी नही होनी चाहिए l


ईसाई मिशनरियों आरएसएस आर्यसमाज आदि संस्थाओं द्वारा संचालित स्कूल और मदरसा को स्कूल की सामान्य श्रेणी में नही रख सकते यह ना सरकारी है और ना निजी l यह स्कूल एक विचारधारा से प्रेरित होकर उस विचार के प्रसार के लिए चलाए जा है l शिक्षा का कार्य करते हुए भी शिक्षा इनका मूल उद्देश्य नहीं है l



सरकार की नीतियों में समय समय पर हुए बदलाव का परिणाम यह हुआ है कि निजी स्कूलों कॉलेजों और कोचिंग सेंटरो का बहुत विस्तार हुआ है l छोटे छोटे कस्बों ,बड़े गांवों में और शहरों में स्कूल और कोचिंग के काम से बहुत से लोग शिक्षा के कार्य मे संलग्न है l स्कूलों के संचालन ,प्रबंधन और शिक्षकीय कार्य मे लगे शिक्षक शिक्षिकाएं की आजीविका का यह प्रमुख आधार बन गया है l इससे कोई इनकार नहीं कर सकता l
कोरोना काल मे सबसे ज़्यादा संकट निजी स्कूलों पर आया है l सरकार कह रही है कि स्टाफ की छंटनी मत करो ,समय पर वेतन दो बच्चों से कोई फीस मत लो क्योंकि स्कूल बन्द था l अब ऐसी स्थिति में स्कूल संचालक क्या करे ? शहरों के हाइ फाई बड़े बड़े पब्लिक स्कूल को छोड़ दे तो अधिकांश स्कूलों के संचालक बड़ी गर्दिश में है l टीचर को वेतन देने के लिए पैसे ही नहीं है l निजी स्कूलों में काम करने वाले टीचर बहुत बड़े आर्थिक दुष्चक्र में फसे हैं l उनकी माली हालत बहुत खराब है l सोशल इस्टेट्स के हिसाब से वे गरीब की श्रेणी में नहीं आते लेकिन वे वास्तविक रूप गरीब है , जिन्हें गरीबो के नाम पर चल रही किसी भी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिलता क्योंकि वह पात्रता उनके पास नहीं है l
सरकार ने अपनी नीतियों के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में निजीकरण को बढ़ावा दिया है अतः अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि निजी क्षेत्र के शिक्षकों को राहत के लिए विशेष राहत पैकेज जारी करे l और स्कूल संचालको को विशेष अनुदान या ऋण देकर उन्हें फिर से सामान्य बनाने में सहयोग करे l


हम शिक्षा की बात करते हुए हमेशा सरकारी शिक्षा की बात करते है जबकि वर्तमान स्थिति में निजी क्षेत्र की स्थिति कमोबेश बराबरी की है l शिक्षक दिवस पर अशासकीय शिक्षक को सम्मान दें या ना दे उसकी रोजी रोटी की चिंता ज़रूर करें तो ज़्यादा सार्थक होगा l सामूहिक चिंता से कोई ना कोई रास्ता ज़रूर निकलेगा l


निजी क्षेत्र में संचालित स्कूल कॉलेज कोचिंग सेंटर के टीचर और संचालको को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं l


★ गोपाल राठी ★