ग्वालियर में आयोजन द्वारा 12 लाख नगर वासियों के जीवन से जो खिलवाड़ किया गया, वह अक्षम्य है


ये तस्वीरें हमारे ग्वालियर नगर की हैं, जहां कल तक 4521 व्यक्ति कोरोना से संक्रमित पाए गए और 54 व्यक्ति COVID 19 के कारण अपने प्राण गंवा चुके हैं। जहां आज कल प्रतिदिन औसतन 150 नए व्यक्ति संक्रमित पाए जा रहे हैं। जहां पिछले माह हर धर्मो के अनुयायियों के चहेते शहर काज़ी अब्दुल कादरी के जनाजे में सौ लोगों के शामिल होने पर जिला प्रशासन ने मरहूम काज़ी के पुत्रों पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। ऐसे ग्वालियर शहर में कल प्रशासन से अनुमति लेकर एक राजनीतिक आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री तथा अनेक मंत्रियों, सांसदों और भाजपा के दिग्गज नेताओं की उपस्थिति में कोंग्रेस से दल बदल कर आए करीब 12000 लोगों को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। प्रशासन ने जिन शर्तों के साथ आयोजन की अनुमति दी थी, उनका खुलेआम उल्लंघन किया गया। भीड़ में शामिल लोगों को छोड़िए स्वयं मुख्य मंत्री तथा दिग्गज नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया।



मुझे कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार 4 प्रशासनिक पद यानी एसडीएम, एडीएम, जिला मजिस्ट्रेट ( कलेक्टर ) तथा डिवीजनल कमिश्नर के पदों पर कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मेरे वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझे यह सिखाया था आप लोक सेवक हैं। आप को संविधान तथा कानून के प्रति समर्पित होना चाहिए, किसी दल या राजनेता के प्रति नहीं। यदि मुख्य मंत्री या कोई मंत्री भी कानून के विरुद्ध कोई निर्देश आप को दें तो आप को नम्रता पूर्वक उन्हें बता देना चाहिए कि इन कारणों से निर्देश का पालन नहीं किया जा सकता। जो अधिकारी तथा व्यक्ति मुझसे परिचित हैं, वे भलीभांति जानते हैं कि मैंने अपनी पूरे सेवा काल में इसी सिद्धांत का पालन किया है तथा इसका खमियाजा भी भुगता है, यानी मुझे अधिकांशतः इसी कारण कथित अच्छे पदों पर नहीं रखा गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं अपने सिद्धांतों पर अडिग रहा। मेरा दृढ़ मत है कि यदि अाईएएस, अाईपीएस तथा अन्य अधिकारी यह तय कर लें कि वे राजनीतिक आकाओं के गैर कानूनी आदेश नहीं मानेंगे, तो देश सुधर जाएगा। सरकार कितनों को कथित लूप लाइन में भेजेगी ?


ग्वालियर में कल के आयोजन द्वारा 12 लाख नगर वासियों के जीवन से जो खिलवाड़ किया गया, वह अक्षम्य है। जिला प्रशासन द्वारा साहस का परिचय देते हुए न केवल के बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत मंच पर आसीन सभी व्यक्तियों के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज कर शीघ्र न्यायालय में केस दायर करना चाहिए ताकि देश को सही संदेश जाए। हां प्रशासन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दायर कर जनता को मूर्ख नहीं बनाए बल्कि नामजद मुकदमा दायर होना चाहिए। जयहिंद।


Akhilendu Arjeria