बिक गया बिग बाजार,

बिग बाजार के ओनर किशोर बियानी ने कर्ज उतारने के लिए अपना बिग बाजार का बड़ा कारोबार रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (RRFLL) को 24713 करोड़ रुपये में बेच दिया है.


छोटा व्यपारियों की स्थिति समझ सकतें हैं. उसके खरीदार भी नहीं मिलेगें....


बिक गया बिग बाजार, कैसे कर्ज में डूबते गए रिटेल किंग किशोर बियानी.
बिग बाजार में सेल का इंतजार लगभग हर मध्यम वर्गीय परिवार करता है, क्योंकि सेल का दौरान बिग बाजार में हर तरह के प्रोडक्ट पर भारी छूट दी जाती है. कंपनी की टैगलाइन 'सबसे सस्ता, सबसे अच्छा' ने घर-घर पहचान दिलाई. लेकिन रिटेल किंग कहे जाने वाले किशोर बियानी अब अपने इस कारोबार को मुकेश अंबानी के हाथों बेच दिया है.


किशोर बियानी एक सफल भारतीय कारोबारियों में गिने जाते हैं. 2019 से पहले उनका कारोबार तेजी से फैल रहा था. किशोर बियानी का फ्यूचर ग्रुप वित्तीय संकट में इस साल की शुरुआत में आया. यह तब हुआ जब फ्यूचर रिटेल कर्ज के भुगतान में फेल हो गई. इसके बाद बैंकों ने कंपनी के गिरवी रखे शेयरों को जब्त कर लिया.


साल 2019 में फोर्ब्स की लिस्ट में किशोर बियानी 80वें नंबर के सबसे अमीर बिजनेसमैन थे. लेकिन अब कर्ज उतारने के लिए उन्होंने अपना बड़ा कारोबार रिलायंस रिटेल एंड फैशन लाइफस्टाइल लिमिटेड (RRFLL) को 24713 करोड़ रुपये में बेच दिया है. इस डील के साथ ही किशोर बियानी के ऊपर रिटेल किंग का तमगा भी हट जाएगा.


दरअसल, साड़ियों के कारोबार से बिग बाजार के सफर तक पहुंचने वाले मारवाड़ी परिवार में जन्मे किशोर बियानी ने 1987 में पैंटालून की शुरुआत की थी. पैसे की कमी की वजह से उन्होंने इस कारोबार को साल 2012 में आदित्य बिड़ला ग्रुप को बेच दिया. पैंटालून और बिग बाजार की शुरुआत बियानी ने कोलकाता से की थी.


किशोर बियानी ने अपने बिजनेस की शुरुआत 1987 में की थी, उनकी पहली कंपनी मेंज वियर थी. बाद में इसका नाम उन्होंने पैंटालून कर दिया गया. फिर 1991 में इसका नाम पैंटालून फैशन लिमिटेड कर दिया गया. 2001 में किशोर बियानी ने पूरे देश में बिग बाजार के स्टोर खोले.


किशोर बियानी ने मुंबई के एच. आर कॉलेज के छात्र रहे हैं. उनकी यात्रा मुंबई में 1980 में स्टोन वॉश डेनिम फैब्रिक की बिक्री से शुरू हुई थी. किशोर बियानी का सपना हर किसी तक अपने खुद के लेबल के प्रोडक्ट को पहुंचाना था, और कुछ हदतक वो इसमें सफल भी रहे. कोलकाता से 26 साल की उम्र में पैंटालून से शुरुआत करने वाले बियानी ने 59 साल की उम्र में अब सारा कारोबार रिलायंस के हाथों बेच दिया.


किशोर बियानी के लिए साल 2019 सबसे संकट वाला रहा. 2019 की समाप्त तिमाही में फ्यूचर रिटेल के मुनाफे में 15 फीसदी की गिरावट आई थी, वहीं रेवेन्यू में 3 फीसदी की कमी देखी गई थी. अब कोरोना की वजह से संकट और गहरा गया. लगातार कर्ज का बोझ बढ़ने से रेटिंग एजेंसियों ने भी रेटिंग घटा दी. जिससे फ्यूचर रिटेल के शेयरों में करीब 75 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली.


डील के बाद रिलायंस रिटेल की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने कहा कि हम छोटे व्यापारियों के साथ सक्रिय सहयोग के हमारे अनूठे मॉडल के साथ रिटेल इंडस्ट्री के विकास की गति को जारी रखने की उम्मीद करते हैं. हम देश भर में अपने उपभोक्ताओं को अहमियत प्रदान के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. इससे रिलायंस फ्यूचर ग्रुप के बिग बाजार, ईजीडे और FBB के 1,800 से अधिक स्टोर्स तक पहुंच बनाएगी, जो देश के 420 शहरों में फैले हुए हैं.


रिलायंस और फ्यूचर रिटेल के बीच इस डील की शुरुआत इसी साल शुरू हुई थी. रिलायंस से पहले अमेरिकी कंपनी अमेजन ने भी फ्यूचर ग्रुप में दिलचस्पी दिखाई थी. लेकिन आरआईएल के साथ एक डील ने बियानी के कर्ज के मुद्दों का पूरी तरह से समाधान कर दिया है. अब इस डील के बाद किशोर बियानी अपने ऊपर से सभी कर्ज को उतारने में मदद मिलेगी. और आने वाले दिनों में फिर कुछ नई शुरुआत कर सकते हैं.


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