#हरलाखी, मधुबनी।-
भाकपा-माले, हरलाखी प्रखंड का प्रथम संम्मेलन कमलावरपट्टी परबत्तीया फाटक पर आयोजित हुआ। सम्मेलन में 10 पंचायतों के 22 गांवों से 204 पार्टी सदस्यों ने भागिदारी किया। जबकि 150 से अधिक पूर्व सीपीआई कार्यकर्ताओं ने भी सम्मेलन में भाग लिया एवं माले में शामिल होने की घोषणा किया।
सम्मेलन में बतौर पर्यवेक्षक पार्टी जिला कमिटी सदस्य कामरेड प्रेम कुमार झा ने भाग लिया। पांच सदस्यीय अध्यक्षमंडल ने सम्मेलन का संचालन किया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के जिला सचिव ध्रुब नारायण कर्ण ने कहा कि हरलाखी प्रखंड कभी सीपीआई के नेतृत्व में लाल झंडा आंदोलन का गढ़ था। परंतु सीपीआई नेतृत्व के अवसरवादी चरित्र और सामंती ताकतों से मिलीभगत के चलते अब अंतिम सांसें गिन रहा है। वहीं भाकपा-माले अपने आंदोलन को तेज करते हुए हरलाखी की धरती को लाल झंडा आंदोलन का गढ़ बनाने की ओर तेजी से अग्रसर हुआ है।
अब इस धरती को माले के नेतृत्व लाल झंडा आंदोलन का ऐसा गढ़ जरूर बनायेंगे, जहां से माले का बिधायक बनायेंगे।
जिला सचिव ने आगे कहा कि मोदी सरकार कोरोना और लाकडाउन का फायदा उठाकर सरकारी व सार्वजनिक संपत्ति को पूंजीपतियों के हाथों बिक्री करते जा रहा है। नीतीश मोदी सरकार ने बिहार की जनता खासकर गरीबों, मजदूरों और किसानों के साथ जो गद्धारी किया है।उसका जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में देने के लिए जनता को तैयार करना है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के बेनीपट्टी अनुमंडल प्रभारी कामरेड अनिल कुमार सिंह ने कहा कि माले लगातार राशन कार्ड, जनता को सड़क पानी बिजली जैसे सुबिधाओ,समान शिक्षा प्रणाली एवं सभी बेरोजगारों को रोजगार देने के सवाल पर संघर्ष चला रही है। नीतीश मोदी सरकार में भ्रष्टाचार और लूट का बाजार गर्म है। नौकरशाही और मनमानी का राज चल रहा है। पुलिस का रवैया सामंतों की तरफदारी और गरीबों पर दमन,आम बात हो गया है। माले गरीब बसाओ आंदोलन चलाती है और नीतीश सरकार गरीब उजाड़ो अभियान चलाती है।इसका माकूल जवाब देने के लिए तैयार होने का समय आ गया है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के बेनीपट्टी प्रखंड सचिव कामरेड श्याम पंडित ने कहा कि गांव गांव में सरकारी जमीन पर भूमिहीनों को अधिकार दिलाने के लिए माले गरीब बसाओ आंदोलन चला रही है।अकौर में बड़े सामंती ठाकुर परिवार के खिलाफ माले संघर्ष चला रही है वहीं सीपीआई के नेता खुलेआम सामंती ताकतों का लठैती कर रहा है।यही कारण है कि गांव गांव में सैकड़ों हजारों की संख्या में गरीब माले का झंडा थामते जा रहा है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले जिला कमेटी सदस्य सह खेग्रामस के जिला सचिव कामरेड बेचन राम ने कहा कि माले तमाम मनरेगा मजदूरों को साल में दो सौ दिन रोजगार व पांच सौ रुपए दैनिक मजदूरी देने की मांग पर लगातार संघर्ष चला रही है। दलितों और गरीबों पर नीतीश मोदी के राज में जगह-जगह सामंती भूमाफिया हमला कर रहा है। पार्टी इसे करारा जवाब देने के लिए जनता को जागृत और संगठित कर रही है।
सम्मेलन में प्रखंड लिडिंग टीम हरलाखी के सचिव कामरेड मदन चंद्र झा ने काम काज का रिपोर्ट रखा। रिपोर्ट पर बहस के बाद इसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।अंत में 21सदस्यो बाली प्रखंड कमेटी का प्रस्ताव आया।उसे पारित होने के बाद प्रखंड कमिटी के सदस्यों ने अपने बीच से कामरेड मदन चंद्र झा को सचिव चुना।
भाकपा ( माले) के हरलाखी प्रखंड के प्रथम संम्मेलन में उमड़ा सैकड़ों कार्यकर्ताओं का सैलाब।