अब तक मातम,
किसि अजनबी का
ना हमने मनाया है।
अब तक जेहन में अपने
कोई कभी इतना ना छाया है।
अब तक हमारे दिलपर,
ना राज कोई कर पाया है
बस तुम हो
जिनसे घर अपना बनाया है।
तुमने चलाई जादूगरी हमपर
येसी कि,
मिले बिना ही बिछड़ने का
ऎहसास दिलाया है।
तुम रहोंगे जिंदा हमेशा हमारी यादों में
यादों का कारवां तुमने जगाया है।
अब तक दिल अपना
किसी पे इतना ना आया है,
तुम ही हो वह जिसने
आंखो में आंसुओ को लाया है।
रूपाली जाधव
३० अप्रैल २०२०