नौरादेही अभ्यारण्य के सर्रा रेंज मै वनकर्मियो द्वारा आदिवासियों को किया जा रहा प्रताड़ित , रेंजर पर महिला ने प्रताड़ना का आरोप लगाया

नौरादेही अभ्यारण्य के सर्रा रेंज के वन क्षेत्र में पट्टे की जमीन पर खेती करने से रोक रहा रेंजर

ग्रामीणों का आरोप जमीन पर खेती करने के लिए रेंजर मांग रहा टैक्स
तेन्दूखेड़ा/दमोह ! नौरादेही अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले सर्रा रेंज के रेंजर पर उसी क्षेत्र की एक महिला ने प्रताड़ना का आरोप लगाया है उसका कहना है कि उसे शासन से पट्टे पर मिली जमीन पर खेती करने से रेंजर रोक रहा है महिला का ये भी यह कहना है कि वह खेती करने के बदले उससे टैक्स के रूप में रुपये मांग रहा है महिला अभी तेन्दूखेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत है महिला के अनुसार रेंजर तिलक सिंह रायपुरिया वन परिक्षेत्र म़े अपनी मनमानी कर रहे हैं जो भी रेंज क्षेत्र से निकलता है वह उससे टैक्स वसूलते हैं और अब वे उस क्षेत्र में खेती करने वालों से भी बसूली पर उतर आए हैं इस क्षेत्र में ज्यादातर आदिवासी रहते हैं जिन्हें शासन ने खेती के लिए जमीन के पट्टे दिए हैं जन अभियान परिषद के ब्लॉक समन्वय धनश्याम रैकवार ने बताया कि सर्रा रेंजर की मनमानी हमेशा से यह पर चल रही है गांव में रहने वाले ऐसे लोग जिनके पास पट्टे है या राजस्व भूमि पर कब्जा किए हैं उनको भी रेंजर अपनी खाकी वर्दी का रौब दिखाकर खेतों में नहीं जाने दे रहा है
हाथों से खोद रहे खेत औजारों पर प्रतिबंध
सर्रा ग्राम निवासी बालकिशन ने बताया की वह राजस्व भूमि पर खेती करता है जिसके जुर्माने की रसीद भी उसके पास है लेकिन सर्रा रेंजर तिलक सिंह उस जमीन पर न हल चलाने दे रहे हैं न ही टैक्ट्रर उनका कहना है कि ये जमीन आपकी नहीं है न ही आप उसपर कब्जा कर सकते हो जबकि गांव के लोगों का कहना है कि जिस जमीन पर वह कब्जा किए है वह एक दो दिन की नहीं बल्कि वर्षों पहले से है रेंजर ने गांव के लोगों को निर्देश दिए है कि कोई भी इनकी मदद नहीं करेगा इसलिए किसान और उनके बच्चे हाथों से खेतों की जुताई कर रहे हैं 
खेतों में बैठे गरीब किसान
सर्रा गांव में रहने वाले गरीब लोगों की हालत बहुत खराब है क्योंकि वहां का रेंजर उस जमीन पर लोगों को नहीं जाने दे रहा है जिस पर वे वर्षों से खेती कर रहे हैं वनकर्मी सुबह से खेतों पर पहुंच जाते हैं और सभी किसानों को अपने अधीन करके उनकी खेती में रखें औजारों की जब्ती बना लेते हैं गांव के भगवान दास मीना संतोष रेवा का कहना है कि लॉकडाउन में वैसे भी हमें कोई रोजगार नहीं मिला और जिस जमीन पर हम लोग वर्षों से कब्जा करके अपनी और परिवार की जीविका चला रहे हैं उसपर वनकर्मी प्रतिबंध लगा रहे हैं अस्पताल में इलाजरत महिला चक्रवर्ती के साथ आए स्वजनों ने बताया की रेंजर तिलक सिंह राजपुरिया की मनमानी के कारण उनकी मां का ये हाल हुआ है रेंजर खेती नहीं करने दे रहे मां अन्य किसानों के साथ खेत में बैठीं थी और वहीं पर पेड़ में मधुमक्खियों का झुंड लगा था जिसने मां पर हमला कर दिया
सर्रा रेंजर और वनकर्मियों के खिलाफ मारपीट व लूटपाट का मामला
जहां इस नौरादेही अभ्यारण्य में सागौन की अवैध कटाई और गरीब किसानों को अब खेती ना करने की बात सामने आई है तो वहीं दूसरी ओर 22 मई को नौरादेही अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले सर्रा वनपरिक्षेञ का एक मामला सामने आया था जहां पर सर्रा रेंज के अंतर्गत आने वाले सरसैला गांव में वनकर्मियों व रेंजर द्वारा एक कुर्मी समाज के परिवार के साथ मारपीट और लूटकर बंधक बनाए रखने की बात सामने आई थी जहां पर वनकर्मियों द्वारा राधा कुर्मी और सरमन कुर्मी के घर में परिवार के साथ मारपीट की थी और डेढ़ लाख रुपए लूटकर और झूठ केस बनाया था जिसकी शिकायत पीड़ित परिवार द्वारा तेन्दूखेड़ा एसडीओपी से की थी जिसकी जांच फिलहाल अभी चल भी रही हो वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी बात तो यह भी है की सर्रा रेंजर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं इसी तरह एक और मामला 22 जून को प्रकाश में आया था जहां सर्रा ग्राम के दो दर्जन भर लोगों द्वारा तेन्दूखेड़ा एसडीएम को एक ज्ञापन दिया था जिसमें लिखा था कि ग्राम सर्रा में राजस्व भूमि पर ग्राम 1978से लगातार खेती कर रहे हैं उन किसानों का जीविका एक एक ही आधार है उस पर खेती करना और अपने बच्चों का भरण पोषण करना जहां गरीब किसान मजदूर दो वक्त की रोजी रोटी के लिए मोहताज है इस विषय परिस्थिति में सर्रा रेंज में पदस्थ रेंजर तिलक सिंह राजपुरिया के माध्यम से जो कार्रवाई इन गरीब लोगों पर की जा रही है वह बहुत ही निदंनीय और दंडनीय अपराध जैसी है इन लोगों को खेती से वंचित करना खेती ना करने के आदेश जारी कर देना लोगों को एफआईआर दर्ज करने की धमकी देना इन सबके चलते रेंजर की दबंगई के कारण सैकड़ों ग्राम वासी परेशान हैं और रेंजर साहब अपनी मनमानी पर चल रहे हैं
वनकर्मी मारपीट और किसानों को परेशान करने कर रहे सहयोग और जंगल में हो रही कटाई
वहीं दूसरी ओर सबसे बड़ी बात तो यह भी है कि नौरादेही अभ्यारण्य में आने वाले सर्रा रेंज के वनकर्मियों द्वारा गरीब किसानों और कमजोर लोगों को परेशान और मारपीट करने के लिए रेंजर का सहयोग दिया जा रहा है लेकिन सरकार द्वारा जिस कार्य के लिए उनको पदस्थ किया गया है इस और इन वनकर्मियों का ध्यान नहीं है क्योंकि सर्रा रेंज में आने वाले नौरादेही अभ्यारण्य में लगातार हरे भरे सागौन के वृक्षों की अवैध कटाई का कार्य जोरों पर चल रहा है लेकिन इस और ध्यान देना वनकर्मियों द्वारा जरुरी नहीं समझा जा रहा है सिर्फ गरीबों के साथ मारपीट और गरीब किसानों को परेशान करना साथ ही फर्जी मामले में फसाने में मजा आ रहा है क्योंकि सरकार द्वारा इन वनकर्मियों को इसलिए ही तो यह खाकी वर्दी दी है और जंगलों की कटाई कराने के लिए यह पर पदस्थ किया गया है की लोगों के साथ मारपीट करे एवं डरा धमकाकर उन्हें लकड़ी चोरी या फिर सागौन कटाई में फसाने के साथ झूठे मामले दर्ज करना ही इन वनकर्मियों और सर्रा रेंज में पदस्थ रेंजर का कार्य है क्योंकि जंगल की रखवाली तो हो ही जाएगी पहले अपनी जेब गर्मी कर ले फिर देखेंगे क्या मामला बनाना है नौरादेही अभ्यारण्य के अंतर्गत आने वाले सर्रा रेंज में अवैध कटाई का सिलसिला जोरों पर चल रहा है लेकिन इस और बड़े अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं जिसके चलते वनकर्मियों और रेंजों में पदस्थ वनपरिक्षेत्र अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं और सागौन की कटाई को करवा रहे हैं लेकिन अब देखना यह है कि कब तक सर्रा रेंजर की मनमानी गरीब लोगों पर चलती है
इनका कहना है 
इस संबंध में सर्रा रेंजर तिलक सिंह का कहना है कि उनके पास गांव के लोग आए थे जिन्होंने बताया कि उनका 30 से 40 साल पुराना कब्जा है तो उन्होंने कहा था कि जहां कुछ लोग खेती कर रहे हैं वह वनभूमि क्रमांक 209के अंतर्गत आती है जो महिला उनपर आरोप लगा रही है वह गलत है इसके अलावा सर्रा सेक्टर तेजगढ़ उप तहसील के अंतर्गत आता है 
इनका कहना है 
वहीं मामले में संबंध में तेजगढ़ नायब तहसीलदार विकास जैन से बात की तो उन्होंने बताया कि सर्रा पहले से ही वनभूमि के अधीन रहा है बीच में राजस्व भूमि में आ गया था लेकिन अब फिर से उसे वनभूमि में तब्दील कर दिया है इस हिसाब से अब सर्रा की राजस्व भूमि भी वनभूमि हो गई है


विशाल रजक