कई रोगों से बचाता है ओमेगा 3 फैटी एसिड,

नई दिल्ली : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पोषक तत्व जरूरी होते हैं, इससे शरीर की कार्यप्रणाली सही रहती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड भी शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। हालाँकि इसके फायदे और नुकसान दोनों है, ऐसे में इसकी सही मात्रा और इसे सही तरीके से लेना स्वास्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है।


फायदे


डिप्रेशन और चिंता में राहत


शोध के मुताबिक ओमेगा-3-फैटी में एंटीडिप्रेसेंट गुण पाए जाते हैं, जो डिप्रेशन में राहत देते हैं। वहीं हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की एक रिपोर्ट के मुताबिक ओमेगा-3-फैटी चिंता के लक्षण को भी दूर करने में कारगर साबित हो सकता है।


आंखों के स्वास्थ्य में सुधार


इनवेस्टिगेटिव ऑप्थेल्मोलॉजी एंड विजुअल साइंस की एक स्टडी के मुताबिक ओमेगा 3 फैटी एसिड आँखों के लिए अच्छा है और बढती उम्र में आँखों के रोग से यह बचाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड ड्राई की समस्या भी कम करता है।


हृदय रोग के खतरे को कम करता है


यह हार्ट स्ट्रोक से बचाव करता है। ओमेगा-3 के प्रयोग से ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त में मौजूद एक तरह का फैट) को कम किया जा सकता है और अनियमित दिल की धड़कन की समस्या को भी दूर करता है। यह धमनियों में प्लाक (पट्टिका) के निर्माण को धीमा कर सकता है और बढ़ते रक्तचाप को भी कम कर सकता है।


सूजन से राहत


यह सूजन से भी राहत देता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो सूजन कम करता है। गठिया, अस्थमा और इंफ्लेमेटरी बाउल डिसऑर्डर से जुड़ी सूजन की समस्या में भी यह फायदेमंद है।


मानसिक विकार और अल्जाइमर में राहत


ओमेगा -3 फैटी एसिड मानसिक कार्यप्रणाली में सुधार का काम कर सकता है, जिससे अल्जाइमर में कुछ हद तक लाभ मिल सकते हैं।


ऑटोइम्यून डिजीज में राहत


ऑटोइम्यून डिजीज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड का उपयोग किया जा सकता है, इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम की कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकते हैं।


समस्या में राहत


ओमेगा 3 में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव पाया जाता है, यह अस्थमा से जुड़ी सूजन की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार है। डाइट में ओमेगा-3 को बढ़ाकर और ओमेगा-6 को घटाकर बच्चों को अस्थमा के लक्षणों से बचाया जा सकता है।


हड्डी और जोड़ों की समस्या में राहत देता है


एक शोध के मुताबिक ओमेगा-3 फैटी एसिड की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने पर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों से संबंधित समस्या) के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है और ओमेगा 3 बोन मिनरल में सुधार का काम कर सकता है, जिससे हड्डियों को स्वस्थ रखा जा सकता है।


त्वचा के लिए फायदेमंद


ओमेगा-3 अल्ट्रा वायलेट किरणों के कारण उत्पन्न सूजन और हाइपरपिग्मेंटेशन की समस्या को दूर रखने का काम कर सकता है और रूखी त्वचा और डर्मेटाइटिस (त्वचा में सूजन, खुजली, जलन और लाल चकत्ते) पर सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है और घाव को जल्द भरने में मदद कर सकता है।


कैसे करें सेवन


इसे कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है और मछली को ओमेगा-3 फैटी एसिड का सबसे अच्छा स्रोत है।
अलसी, सोयाबीन और कैनोला तेल में भी इसकी मात्रा पाई जाती है।
नट्स और अखरोट में भी इसकी मात्रा पाई जाती है।
अंडे, दही, जूस और दूध में भी इसकी मात्रा होती है।


कब करें सेवन


सुबह या शाम को नट्स लें।
दोपहर या रात के खाने में मछली या तेल का सेवन करें।
नुकसान
सीने में जलन
पेट में दर्द
जोड़ों में दर्द
उल्टी
कब्ज
दस्त
मतली


source*sanmarg