शिवराज सरकार द्वारा उपभोक्ताओं से कोरोना का बहाना बनाकर पिछले वर्ष की गर्मी के समय की मीटर रीडिंग को आधार बनाकर बिल वसूलने की बात सरासर मनमानी और लूट है |

शिवराज सरकार द्वारा पिछले वर्ष की गर्मी के समय की मीटर रीडिंग को आधार बनाकर बिल वसूलने की बात सरासर मनमानी और लूट है  


सभी घरों के बाहर बिजली मीटर लगे हैं | फिर भी मीटर रीडिंग लेना संभव नहीं है तो अपना व्हाट्सएप नंबर बिजली विभाग उपभोक्ताओं को जारी करे


 मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा उपभोक्ताओं से कोरोना का बहाना बनाकर वर्तमान मीटर रीडिंग के आधार पर बिल लेने के स्थान पर पिछले वर्ष की गर्मी के समय की मीटर रीडिंग को आधार बनाकर बिल वसूलने की बात सरासर मनमानी और लूट है | कोरोना महासंक्रमण के समय लोगों के बिजली के बिल भले माफ नहीं किए जाएं लेकिन विधिवत मीटर रीडिंग न होने की स्थिति में उन्हें स्थगित तो रखा जा सकता है | किसी भी हालत में पिछले वर्ष के आधार पर मीटर बिलिंग नहीं की जाए | पिछले वर्ष लोग गर्मी के समय कूलर भी इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते अभी तक अधिकांश लोग कूलर का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं | यदि कोई बिजली की अधिक खपत कर रहा है इसके लिए बाहर लगा मीटर खुद उसका गवाह है | बहुत सारे घरों में कोरोना लॉक डाउन के दौरान किराएदार अपने अपने घर वापस चले गए हैं | बहुत सारे लोग बाहर इधर-उधर फंसे हुए हैं | ऐसी स्थिति में पिछले साल की मीटर रीडिंग के आधार पर बिजली का बिल वसूला जाना सरासर गलत होगा | पिछले वर्ष किसी किसी घर में दूसरे लोग किराएदार थे इस बार दूसरे लोग किराएदार हैं , यह जरूरी नहीं कि दोनों की बिजली की खपत एक जैसी हो | पिछली कमलनाथ सरकार ने 100 यूनिट तक बिजली का बिल मात्र ₹100 कर दिया था जिसका लाभ केवल गरीबों को नहीं बल्कि सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को भी मिल रहा था | यदि किसी भी व्यक्ति का बिजली का बिल 200 यूनिट खपत के आधार पर आता था तो उसे 100 यूनिट तक उसी तरह की छूट दी गई जिस तरह केवल 100 यूनिट के अंदर खपत वाले को मिल रही थी | रीवा में अक्टूबर 2019 से लेकर मार्च 2020 तक के होने वाले बिजली बिल में अधिकांश उपभोक्ताओं ने इस दौरान 100 यूनिट बिजली पर केवल ₹100 से ज्यादा जमा नहीं किए | शिवराज सरकार ने कोरोना के बहाने यह छूट समाप्त कर दी है लेकिन अब नियमानुसार मीटर की खपत के आधार पर ही बिजली बिलिंग की जाना चाहिए | किसी भी हालत में पिछले वर्ष के आधार पर मीटर बिलिंग नहीं होना चाहिए | बिजली विभाग सामान्यत: औसत मीटर रीडिंग का फॉर्मूला अपनाता है , जब किसी का मीटर खराब हो या जल गया हो या फिर घर पर किसी वजह से मीटर रीडिंग न ली जा सकी हो | लेकिन वर्तमान हालत में जब सभी मीटर चालू हैं ऐसी स्थिति में मीटर रीडिंग ली जानी चाहिए | सभी बिजली मीटर घरों के बाहर लगे हुए हैं , ऐसी स्थिति में उनकी रीडिंग ली जाने में कोई व्यवहारिक कठिनाई नहीं है | एक निश्चित शारीरिक दूरी बनाकर मीटर रीडर फोटो लेकर रीडिंग लेते हैं ऐसे में किसी तरह का कोरोना संक्रमण लेने देने का कोई डर न बिजली उपभोक्ताओं को है , न ही मीटर रीडर को | इसके बावजूद यदि बिजली विभाग मीटर रीडर भेजने को तैयार नहीं है तो बिजली विभाग के संबंधित मोबाइल पर व्हाट्सएप या मैसेज के जरिए कोई भी उपभोक्ता मीटर रीडिंग की फोटो खींचकर भेज सकता है जिसे बिजली विभाग द्वारा स्‍वीकार करते हुए उसी आधार पर बिजली की बिलिंग की जाना चाहिए | इससे बिजली विभाग को भी राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं के साथ होने जा रही मनमानी लूट भी बंद हो सकेगी |


अजय खरे