आज के दिन 17 मई 1933 को अंडमान की कुख्यात सेल्यूलर जेल (कालापानी जेल) में बहुचर्चित 46 दिन की भूख हड़ताल में डॉक्टरों द्वारा जबरन फेफड़े में दूध डालने से अनशन के दौरान महावीर सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए थे l
. महावीर सिंह जी अमर शहीद भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के निकटतम सहयोगियों में थे l उन्हें सुप्रसिद्ध लाहौर षड्यंत्र केस में आजन्म कैद, काला पानी की सजा मिली थी l हष्ट पुष्ट शरीर एवं तीव्र बुद्धि के धनी महावीर सिंह जी पर बर्बर ब्रिटिश हुकूमत ने उनके 4 वर्ष के जेल जीवन में अकथनीय अमानवीय यातनाएं दी थी l
बर्बर ब्रिटिश हुकूमत ने महावीर सिंह जी के मृत्यु के बाद उनके मृत शरीर को पत्थर में बांधकर, बिना किसी अंतिम संस्कार के रस्म रिवाज के, उनके साथियों की अनुपस्थिति में, समुद्र में फेंकवा दिया था l
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मेरे पूज्य पिताजी क्रांतिकारी डॉ. गया प्रसाद कटियार के अभिन्न सहयोगी महावीर सिंह जी उन दिनों कालापानी जेल में कमरा नंबर 67 में बंद थे और मेरे पिताजी का कमरा नंबर 66 था l अभी कुछ माह पूर्व मुझे शहीद महावीर सिंह जी के पौत्र असीम राठौर जी व उनके परिवार के साथ उस कमरे को नमन करने का अवसर प्राप्त हुआ था, ( जिस कमरे में अनशन के दौरान महावीर सिंह जी ने अपना अंतिम दिन बिताया था)
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चित्र में मेरे साथ शहीद महावीर सिंह जी की प्रतिमा पर उनके पौत्र असीम राठौर जी हैं l महावीर सिंह जी की यह प्रतिमा काला पानी जेल के बाहर पार्क में स्थित है l
विकट विप्लवी महावीर सिंह राठौर जी को मेरा शत शत नमन
सुनील कटियार