सिल्वर स्क्रीन के करिश्माई कलाकार और बेहतरीन इंसान अभिनेता इरफान का जाना बेहद दुखद!

ओह! इरफ़ान ख़ान नहीं रहे! 53 साल की उम्र में इस करिश्माई कलाकार और बेहतरीन इंसान का जाना बेहद दुखद! सिर्फ उनके परिवार और मुंबई की फिल्म सर्किल की ही नहीं, पूरे कला जगत और हमारे समाज की भारी क्षति!
हाल के वर्षों में मैंने ज्यादा फिल्में नहीं देखीं. पर इरफ़ान की सारी तो नहीं पर ज्यादातर फिल्में देखीं.. हिन्दी फिल्मों के अलावा कई विदेशी फिल्मों में भी उन्होंने काम किया, उनमें भी खूब जमे और सराहे गए. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिले.
अपने मिज़ाज और अंदाज में वह मुंबई की तमाम फिल्मी हस्तियों के बीच काफ़ी कुछ अलग और खास दिखते थे. शायद वह अपने डॉक्टरों से भी ज्यादा समझते थे कि 'उनके अंदर जमे हुए कुछ अवांछित मेहमान' किस तरह उनकी जिंदगी के सफ़र को छोटा करने में लगे हैं! हाल के दिनों में कुछ इसी तरह उन्होंने 'न्यूरो-इंडोक्राइन ट्यूमर' से अपनी लड़ाई का जिक्र किया था! सन् 2018 में ही पहली बार उन्हें इस बीमारी का पता चला था. इस ख़तरनाक किस्म के कैंसर के उपचार के लिए वह लंबे समय तक लंदन में रहे. वहां से लौटे तो धीरे-धीरे फिल्म-अभिनय में वापसी की. पर पहले जैसी सक्रियता संभव नहीं हो सकी. उनकी मौत का तात्कालिक कारण 'कोलोन इंफेक्शन' बताया गया है.
अंततः इरफ़ान की जिंदगी का सफ़र 29 अप्रैल को थम गया लेकिन इरफ़ान अपनी बेहतरीन अदाकारी और खास अंदाज़ के लिए हमेशा जीवित रहेंगे. मकबूल, पीकू, लाइफ़ इन मेट्रो, हिन्दी मीडियम, हैदर, स्लमडॉग मिलिनेयर, जुरासिक वर्ल्ड, द नेम सेक, न्यूयॉर्क आई लव यू, पान सिंह तोमर और अंग्रेजी मीडियम जैसी तमाम फिल्में, उनकी दिलचस्प बातें और साहसिक टिप्पणियां उन्हें अविस्मरणीय बनाये रखेंगी!  
सलाम और श्रद्धांजलि इरफ़ान ख़ान!


उर्मिलेश


वरिष्ठ पत्रकार