यह ममता है। हैदराबाद के राजाजीनगर राम मंदिर एरिया में एक सब्जी विक्रेता। इनके पास एक ग्राहक बड़ी मात्रा में कड़ी पत्ते खरीदने के लिए आया। ममता ने उससे पूछा कि उसे इतना कड़ी पत्ता क्यों चाहिए?, उसे कितने लोगों के लिए भोजन बनाना है? उस ग्राहक ने बताया उन्हें 300 कंस्ट्रक्शन वर्कर के लिए खाना बनाना है। इसके बाद ममता ने उस एरिया की जानकारी मांगी जहां पर यह वर्कर रहते हैं और उस स्थान की जहां उनके लिए खाना बनाया जाना है। स्वयं को इस बारे में संतुष्ट कर लेने के बाद कि खरीददार वास्तव में श्रमिकों के लिए खाना बनाने के लिए कड़ी पत्ता लेने आया है, ममता ने उसे न केवल फ्री में कड़ी पत्ते दिए बल्कि सब्जी भी दी और कहा कि जब तक मजदूर वहां हैं वो उनके लिए मुफ्त में सब्जी ले जाया करे।
ममता उनके लिए प्रतिदिन अलग से सब्जी निकाल कर रखती है और मजदूर ले जाते हैं। ममता का कहना है कि वो इन श्रमिकों के लिए कम से कम इतना तो कर सकती है .आज के युग मे पैसे से अमीर तो बहुत हौंगे मगर ममता जैसी बहन/बेटी से दिल से अमीर कौन होगा? यही सेवा है और ममता जैसी मातृ शक्ति को प्रणाम.🙏🏿
सलाम ममता