पुलिस की मार से 65 वर्षीय आदिवासी की मौत

खरगौन-कोरोना संक्रमण के चलते लॉक डाउन की स्थिति में पुलिस अत्याचार की घटनाओं  के समाचार लगातार  समाचार पत्रों और न्यूज़ चैनलों में दिखाए जा रहे हैं  इसी के चलते खरगोन जिले के महेश्वर तहसील के गोठानिया (होली माल) निवासी  टीपू पिता बुधिया मेड़ा  जिसकी उम्र 65 वर्ष है जो कि गुजरी गांव जिला धार में अपने जमाई के साथ किराना लेने गए  थे   पुलिस ने लाठी से बुरी तरह मारा पुलिस की मार से आदिवासी की मौत हो गई मृतक आदिवासी की छह लड़कियां और दो लड़के हैं घटना पर आक्रोश व्यक्त करते हुए जागृत आदिवासी दलित संगठन ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से संपर्क करने हेतु समस्त जन संगठनों से आव्हान किया है साथ ही संगठन का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन इस घटना को दबाने का प्रयास कर रहा है ऐसी स्थिति में मृतक का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड द्वारा कराए जाने की मांग की गई है साथ ही धामनोद के एसडीओपी और टीआई पर यह आरोप है कि उन दोनों ने ही मारपीट शुरू की थी उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया जावे साथ ही हरिजन आदिवासी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत भी अपराध  पंजीबद्ध किया जाए  मृतक के परिवार को हरिजन आदिवासी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत ₹800000 अंतिम राशि का भुगतान तत्काल किया जाए जागृत आदिवासी दलित संगठन का यह भी आरोप है कि स्थानीय प्रशासन इस घटनाक्रम को दबाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है और मृतक को हार्ट अटैक मृत्यु होना बताया जा रहा है जबकि क्षेत्रीय विधायक श्री मेढे और खरगोन जिला जनपद सदस्य श्री भूरिया ने लाश को देखने और गवाहों से बात कर मीडिया में इस बात का खुलासा किया है कि मृतक को सिर और अन्य जगहों पर चोट है और पुलिस की मार से ही उसकी मृत्यु हुई है विधायक ने इस संबंध में कलेक्टर एवं एसपी से कठोर कार्रवाई करने की मांग के संबंध में चर्चा करने का कहा है आरोपियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए