प्रधानमंत्री भी देश की सरकार की ओर से जनता को सात वचन प्रदान करें।- मेधा पाटकर

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री  प्रसिद्ध समाजसेवी  मेधा पाटकर  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश के नाम संदेश  और देश की जनता से मांगे गए  सात वचनों  के संदर्भ में प्रधानमंत्री को संबोधित अपने संदेश में यह कहा है कि देश के प्रधानमंत्री भी देश की सरकार की तरफ से जनता को भी सात वचन प्रदान करें


सम्माननीय प्रधानमंत्री महोदय, Narendra Modi



कोरोना वैश्विक महामारी का सामना करने के लिये आज आपने जनता से 7 वचन मांगे। मैं सहमत हूँ क्योंकि इस आपदा का सामना जनता के सम्यक सहयोग के बिना संभव नहीं। इसलिये मैं खुद भी यथासम्भव इन वचनों का अनुपालन करूँगी और दूसरों को भी प्रेरित भी करूँगी। 
लेकिन हर बार की तरह आज भी आपने सरकार के दायित्वों और कर्तव्यों के बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा। इसलिये मेरा आपसे आग्रह है कि आप भी देश की सरकार की ओर से जनता को सात वचन प्रदान करें। मेरे सुझाव इस प्रकार हैं। कुछ आप भी जोड़ सकते हैं-
1. कोई भी कोरोना पीड़ित बिना जाँच और उपचार के नही रहेगा। हर व्यक्ति का निःशुल्क टेस्ट और निःशुल्क जांच की गारंटी की जायेगी। यदि प्राइवेट अस्पताल ऐसा नही करते तो उनका राष्ट्रीयकरण कर दिया जायेगा। 
2. कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से पीड़ित प्रत्येक व्यक्ति के समुचित इलाज की गारंटी होगी और उनके लिये अस्पताल, एम्बुलेंस और आवागमन की सुविधाएँ निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी।
3. लॉक डाउन के चलते किसी भी व्यक्ति को राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी नही होने दी जायेगी और उनको उनके वार्ड/ पंचायत में ही निशुल्क/ रियायती दरों पर ये सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे लॉक डाउन का सम्यक पालन कर सकें। 
4. जो मजदूर, छात्र, युवा, महिलाएं अपने घरों से दूर कहीं लॉक डाउन के कारण फंसे हुए हैं, उनको इनके घरों तक शासकीय खर्चे पर वापिस पहुँचाया जायेगा। उनके गृह स्थान के लोगों को संक्रमण से बचाने के लिये इन प्रवासियों का कोरोना टेस्ट पहले किया जायेगा। कोई भी व्यक्ति आश्रय विहीन नही रहेगा। 
5. लॉक डाउन के दौरान किसी को भी सरकारी/ प्राइवेट नौकरी से नही हटाया जाएगा और न ही उनके वेतन में कोई बिलंब या कटौती की जायेगी। लॉक डाउन से एक माह पहले और दो माह बाद तक इस संरक्षण का लाभ दिलाने और तय तिथि पर वेतन भुगतान की गारंटी सरकार करेगी। 
6. शासकीय और प्राइवेट सभी शिक्षण संस्थानों में 1 मार्च से लॉक डाउन ख़त्म होने के दो माह बाद तक की कोई फीस नही ली जायेगी। इस अवधि के बिजली बिल, पानी बिल और संपत्ति कर भी माफ़ किये जायेंगे।
7. और अंत में, किसी को भी आपदा का साम्प्रदायीकरण नही करने दिया जायेगा। आपदा को धार्मिक, साम्प्रदायिक और किसी भी तरह की विभेदकारी रिपोर्टिंग करने वाले न्यूज़ चैनलों, व्यक्तियों और सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कड़ी कार्यवाही की जायेगी।


आपकी,
*एक सामान्य देशवासी*


मेधा पाटकर
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