लॉक डाउन के चलते पूरे देश में जहां आम जनता के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है खासकर मजदूर वर्ग और दलित आदिवासी विस्थापित परिवार जिन्हें किसी भी प्रकार की कोई मदद शासन स्तर पर भी नहीं मिल रही है ऐसी स्थिति में उन परिवारों सर्वाधिक मदद की जरूरत है ऐसी परिस्थिति में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर और कार्यकर्ताओं के द्वारा कल कुक्षी तहसील के टीनशेड में बसे गरीब और दलित आदिवासी विस्थापित जो कोरोना जैसी महामारी के चलते भूखे मरने की कगार पर है, नर्मदा बचाओ आंदोलन के द्वारा किसी संगठन के साथीयो से मदद लेकर नानकबेड़ी और नर्मदानगर बसाहट में टीनशेड में बसे प्रत्येक परिवार को 5 किलो चावल, 2 किलो तुवर दाल, 1 किलो तेल, 1 मिर्ची पावडर पैकेट और 2 साबुन दी गई जिससे इन विस्थापितों को भुखमरी ना झेलना पड़े
और किसान साथियो द्वारा टमाटर, बेगन,लौकी जैसी हारी सब्जियां भी टीनशेडो में बाटी जा रही है l इन परिवारों की आर्थिक मदद हो सके और कोई भी परिवार भूखा ना रह सके नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथियों की हर संभव कोशिश है कि विस्थापित परिवारों और मजदूर वर्ग के लोगों को हर संभव सहायता जन सहयोग के माध्यम से की जाएगी
और अन्य संगठनों से भी अपेक्षा है कि संकट की घड़ी में जो भी संगठन इन विस्थापित परिवारों मजदूरों दलित आदिवासियों को सहयोग देना चाहते हैं मदद करें
नर्मदा बचाओ आंदोलन के द्वारा नानकबेड़ी और नर्मदानगर बसाहट में टीनशेड में बसे परिवारों को राशन एवं सब्जियां वितरित की गई