लोकतंत्र में जनता की सरकार होती है इसलिए पुलिस भी जनता की होनी चाहिए l

लॉक डाउन में भाजपा के नेता जगह - जगह पुलिस के अधिकारियों को माला पहनाकर उनका आभार प्रकट कर रहे हैं l उन्हें असली योद्धा बता रहे है l तो कोई डॉक्टर को भगवान कहकर उनका सम्मान ज़ाहिर कर रहा है l 
इस संक्रमण काल मे जिसको जो करना है वह कर रहा है l जो जहां है वतन के काम पर है l कोई पटवारी पुलिस का काम नहीं कर सकता ना कोई मास्टर डॉक्टर का काम l आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता घर घर जाकर सर्वे कर रही है ,सफाई कर्मी सफाई कर  रहे है क्योंकि उनका वही काम निर्धारित है उनको उसी कार्य का वेतन मिलता है l अस्पताल में तीन चार डॉक्टरों के अलावा भी बहुत बड़ा स्टाफ होता है जो रात दिन अपनी सेवाएं देता है l संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में डॉक्टर से ज़्यादा यही स्टाफ के लोग आते हैं l ऐसे संकट के समय नगरपालिका कर्मचारी , शिक्षक ,पटवारी ग्राम सचिव सहित सभी लोग अपनी सेवाएं दे रहे है और सरकार के आदेश को पूरी ततपरता से लागू कर रहे हैं  l कुल मिलाकर इस महमारीं के खिलाफ चल रही इस जंग में हर शासकीय सेवक एक सैनिक है l सभी सम्मान और श्रद्धा के पात्र है अकेली पुलिस नहीं l


पुलिस जहां मानवता दिखाती है और लीक से अलग हटकर कोई पहल करती है तो उसकी सराहना होनी ही चाहिए l कहीं पुलिस भूखे लोगों को खाना खिला रही है कही गाने गाकर मनोरंजन कर रही है जिसे देखकर सचमुच अच्छा लगता है l सिर्फ डंडा चमकाने और पब्लिक को डराने के कौशल के कारण पुलिस का सम्मान किया जा रहा है तो बात गले नहीं उतरती l खरगोन जिले में राशन लेने जा रहे आदिवासी को पुलिस ने इतना मारा कि उसकी पिटाई से मौत हो गई l सैकड़ो किलोमीटर की पदयात्रा करते हुए अपने गांव जाने वाले प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने जगह जगह डंडे से मारा ,उन्हें मुर्गा बनाया और रास्ते मे अनावश्यक रूप से रोका l एम्स भोपाल एवम दिल्ली के डॉक्टरों को घर जाते हुए पुलिस ने बेहरमी से पिटाई की जिससे उनके हाथ में फ्रेक्चर हो गया l डॉक्टर उन्हें अपना आइडेंटी कार्ड दिखाते रहे लेकिन उन्होने एक नहीं सुनी l


हम अपने देश की पुलिस से  मानवीय  ,संवेदनशील होने की आशा करते हैं  विशेषकर गरीब और कमजोर वर्गों के प्रति l अंग्रजों की पुलिस डंडा चलाकर काम करती थी लेकिन आज़ाद भारत की लोकतांत्रिक सरकार की पुलिस भी पब्लिक को कंट्रोल करने के लिए वही तरीका अपनाए तो यह गलत होगा l लोकतंत्र में जनता की सरकार होती है इसलिए पुलिस भी जनता की होनी चाहिए l निरंकुश पुलिस सरकार की हो सकती है जनता की नही l


भाजपा के मित्रों से निवेदन है कि आपको जिसका सम्मान करना हो या चरण स्पर्श करना हो वह सामान्य स्थिति में करें तो बेहतर होगा l लॉक डाउन के दौरान सबको पूरी मुस्तैदी से अपना काम करने दें l


Gopal rathi