लेनिन_वाया_भगतसिंह

  
🔴 1973 को कोई दोपहर थी।  मुरार में एक जगह है जडेरुआ बाँध - वहां के लोग इसे प्यार से  बंधा कहते हैं - उसके बगीचे में बनी बारादरी में कोई 30-35 लोग थे, जिनमे साल भर पहले ही एसएफआई में शामिल हुए हम जैसे 6-7  नए नवेले भी थे।  वैचारिक प्रशिक्षण चल रहा था और उस दिन शिव वर्मा पढ़ाने आये थे। भगत सिंह के जीवित बचे रहेसाथियों में से एक , काला पानी  काटने वाले  स्वतन्त्रता संग्रामी शिव दा। 
🔴 लेनिन के योगदान के बारे में पहली बार उनसे ही जाना। उन्होंने बताया कि खुद भगत सिंह लेनिन के इतने बड़े वाले प्रशंसक थे कि फांसी के ठीक पहले जिस किताब को बीच में पढ़कर उसका पन्ना मोड़कर छोड़ गए थे वह किताब भी लेनिन की थी। (इसी को शीर्षक बनाकर "उस मोड हुए पन्ने से आगे" नाम से भगत सिंह के बारे में एक किताब हमारे साथी और सहयोगी जसविंदर सिंह Jaswinder Singh ने लिखी है। संयोग से आज उनका भी जन्मदिन है।  उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं। )
🔴 बाद में जब भगत सिंह को और पढ़ा तो पता चला कि भगत सिंह ने क्रांतिकारी पार्टी के बारे में 2 फरवरी 1931 को  "युवा राजनीतिक कार्यकर्ताओं के नाम अपील" के नाम जो अपील जारी की थी उसमे लिखा था कि "हमे, लेनिन की प्रिय भाषा में कहे तो,"पेशेवर क्रान्तिकारियों" ऐसे पूरावक़्ती कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होगी जिनकी जीवन में क्रान्ति के अलावा और कोई महत्वाकांक्षा न हो। पार्टी में ऐसे लोगों की संख्या जितनी अधिक होगी, आपकी सफलता की संभावनाएं उतनी ही ज्यादा होंगी। " (इसे पढ़े बिना ही शिवदा के सामने ही हमने होलटाइमर बनने का प्रण लिया था। ) 
🔴 भगत सिंह के दस्तावेजों में यह भी पढ़ा कि  21 जनवरी, 1930 को भगत सिंह और उनके वे सभी साथी जो पेशी पर लाये गए थे, उस दिन वे सब लाल स्काॅर्फ पहनकर आए थे । यह #लेनिन_दिवस था ।
🔴 जैसे ही मजिस्ट्रेट अपनी सीट पर बैठे , वे सब जोर-जोर से नारे लगाने लगे ---' सोशलिस्ट रेवोल्यूशन जिंदाबाद', 'जनता जिंदाबाद', 'लेनिन तेरा नाम अमर है' और ' साम्राज्यवाद मुर्दाबाद' ।
इसके बाद भगत सिंह ने एक तार पढ़कर सुनाई जिसे वे थर्ड कम्युनिस्ट इंटरनेशनल को भेजना चाहते थे । 
🔴 इसमें लिखा था--" लेनिन दिवस पर हम उन सभी को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ भेज रहे हैं जो महान लेनिन के विचारों को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.हम रुस में किए जा रहे महान प्रयोग की सफलता की कामना करते हैं। पूंजीवाद मुर्दाबाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, समाजवाद जिंदाबाद।".  
🔴 ऐसे लेनिन की आज #150_वीं_जयन्ती है।  उस महान क्रांति के नेता की जयन्ती जिसकी अगुआई में हुयी 7 नवम्बर की क्रान्ति ने तब तक की दुनिया को इतना आमूलचूल बदल दिया कि 1991 में सोवियत रूस के खत्म हो जाने के बाद भी उसका असर कायम है - तब तक कायम रहेगा जब तक उनके और भगत सिंह जैसे उनके अनगिनत प्रशंसकों, अनुयायियों के सपने तामीर नहीं हो जाते।  
#लेनिन_की_150वीं_जयन्ती_पर_उन्हें_लालसलाम