कोरोना से निपटने-हर परिवार को नि:शुल्क राशन और 7500 रुपये आर्थिक सहायता की मांग 21 अप्रैल को प्रात: 10.30 बजे देश भर में मनाया विरोध दिवस-म.प्र. मेें भी व्यापक भागीदारी

भोपाल ।
केन्द्र सरकार ने देश व्यापी लॉक डाउन को 3 मई 2020 तक जब बढ़ाया तब  दिया है। इसकी घोषणा करते हुए प्रधान मंत्री जी ने लोगों को सात सलाह दी हैं। लेकिन उन उपायों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला जो उन करोड़ों मजदूरों को राहत देने के लिए हों,जो अपनी आय का एकमात्र स्रोत (नौकरी/मजदूरी)खो चुके है और उनका अपना परिवार भूखो मरने की स्थिति में है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल करें लेकिन यह करोडों करोड मजदूर प्रधानमंत्री की सलाह को इसलिये लागू करने की स्थिति में नही है, क्योंकि उनकी आमदनी समाप्त हो चुकी है इसलिये वे उन्हें खिलाने की स्थिति में नहीं हैं। प्रधानमंत्री जी ने ऐसी कोई सलाह नहीं दी कि इस स्थति में उन्हें क्या करना चाहिए? इसलिये लागू लॉक डाउन की गम्भीर स्थिति से निपटने-हर जरूरतमंद परिवार को पर्याप्त नि:शुल्क राशन और 7500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता, कारखाना मजदूरों को लॉक डाउन अवधि का वेतन का भुगतान, सभी असंगठित मजदूरों को राहत प्रदान किये जाने की मांग को लेकर सेन्टर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू) के राष्ट्रीय आह्वान पर आज 21 अप्रैल प्रात: 10.30 बजे राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के आह्वान के तहत समूचे प्रदेश में लोगों ने अपने घरों कार्यस्थलों में भागीदारी की। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये की गयी इस विरोध कार्यवाही में कोरोना के खिलाफ अपनी जिन्द्रगी को जोखिम में डाल कर काम करने एवं अभियान चलाने वाले डाक्टर, नर्स, वार्ड बोय, सफाई कर्मी, आशा ऊषा सहयोगी, ए.एन.एम.,आंगनवाडी कर्मियों, पुलिस प्राासन व अन्य सेवाओं में लगे कर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करने के साथ उन्हें पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण (पी.पी.ई. किट्स)उपलब्ध कराने,आशा ऊषा सहयोगी एवं आंगनवाडी कर्मियों को स्वास्थ्य कर्मियों की तरह 10000 रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध करोन की भी मांग की है।   
इस प्रदर्शन में भागीदारी के लिये सीटू ने सभी मजदूरों व मेहनतकश आवाम को बधाई देते हुये आह्वान किया कि वे झंडा, और संबद्धता की सीमाओं को तोड कर मेहनतकशों और मजदूरों के जीवन व जीवन यापन के साधनों की रक्षा हेतु संघर्ष के लिये तैयार रहें। आज की विरोध कार्यवाही में राजधानी भोपाल में सीटू राज्य कार्यालय के सामने प्रदर्शन करने के साथ विभिन्न स्थानों घरों में प्रदर्शन किया गया। राज्य कार्यालय में सीटू प्रदेश महासचिव एवं राष्ट्रीय सचिव-प्रमोद प्रधान, किसान सभा के राष्ट्रीय सहसचिव-बादल सरोज, सीटू अतिरिक्त महासचिव-ए टी पदमनाभन, जनवादी महिला महिला समिति प्रदेश अध्यक्ष-नीना शर्मा, पी एन वर्मा, राजेन्द्रन, दीपक पासवान, जिला महासचिव शुशबू केवट, पी एन वर्मा, उपेन्द्र यादव आदि ने भागीदारी की। इसके अतिरिक्त प्रदेश में ग्वालियर, इंदौर, नीमच, जबलपुर, गुना, अशोकनगर, एन.सी.एल., एस.ई.सी.एल. एवं डब्ल्यू.सी.एल. के सभी खदानों, सीमेंन्ट-रीवा, रेमण्ड-छिंदवाडा, ग्रेसिम नागदा,बालाघाट के मेंगनीज माईन्स, आंगनवाडी व आशा यूनियनों की विभिन्न जिला इकाईयों, सभी सम्भागीय मुख्यालयों व जिलों में कार्यवाहियां  हुयी। 
सीटू ने विज्ञप्ति में कहा है कि इस राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन से देश के करोड़ों करोड मेहनतकशों ने अपनी पीडा व्यक्त की है। सीटू ने उम्मीद की कि इस कार्यवाही के बाद करोडों मजदूरों, किसानों और खेत मजदूरों की आवाज प्रधानमंत्री को जरूर सुनायी देगी।