कोरोना का काल : भीलवाड़ा मॉडल

कोरोना का काल : भीलवाड़ा मॉडल


नाम- राजेंद्र भट्ट (आईएएस)
पद-डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट
जिला-भीलवाड़ा (राजस्थान)


19 मार्च को जिले में कोरोना का पहला मामला प्रकट होता है! वह एक डॉक्टर है! अगले दिन उसी अस्पताल के कुछ और स्टाफ भी संदेह के लपेटे में आ जाते हैं! 


ऐसी आशंका है कि जिले का अस्पताल ही कोरोना वितरण केंद्र बन गया है! प्रशासन के हाथ पांव फूल जाते हैं! इसलिए नहीं कि अस्पताल का डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव है...


बल्कि इसलिये कि पिछले 15 दिनों में आसपास के 4 राज्यों के 19 जिलों के हजारों मरीज उस अस्पताल में अपना इलाज करवाने आये हैं! कुछ चले गए हैं और कुछ वही भर्ती हैं!


सभी का रिकॉर्ड निकाला जाता है! मरीज के साथ साथ उनके परिजनों को भी होम क्वारंटाइन किया जाता है!


21 मार्च को जिले की सारी सीमाएं सील कर दी जाती हैं! कोई फैक्टरी नहीं चलेगी! ईंट के भट्ठे नहीं चलेंगे! सड़क पर कोई गाडी नहीं दिखेगी!


जरूरत के सारे सामान घर पर पहुंचाए जायेंगे!


अस्पताल के रिकॉर्ड से पता चला है कि डॉक्टर के संपर्क में याआये मरीजों की संख्या लगभग 5000 है! सभी की स्क्रीनिंग की जाती है!


इसके साथ साथ ग्रामीण इलाकों के 22 लाख तथा शहर के 10 लाख लोगों का घर घर जाकर चेकअप किया जाता है!


दो दिन के भीतर संदेहास्पद 6000 लोगों को आइसोलेशन में डाल दिया जाता है!


अस्पताल में मौजूद 4 राज्यों तथा 19 जिलों के मरीजों को भी आइसोलेशन में डाल दिया जाता है! ....और अगले 15 मिनट में पूरे जिले में धारा 144 लगा दी जाती है!


जागरूक करने वाले वीडियो सर्कुलेट किये जाते हैं! गाने रिलीज किये जाते हैं! धार्मिक गुरुओं की मदद से अलख जगाई जाती है! Sms भेजे जाते हैं!


अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है और कानून तोड़ने वाली करीब 600 गाड़ियां सीज कर ली जाती हैं!


आशा कर्मचारियों तथा वालंटियर्स की मदद से घरों में बन्द लोगों तक जरुरी सामान पहुंचाए जाते हैं!


होटलों में हजारों की संख्या में क्वारंटाइन बेड तैयार किये जाते हैं! एक एक आदमी की स्क्रीनिंग की जाती है! यहाँ तक कि खांसी जुकाम वाले मरीजों को भी नहीं बख्शा जा रहा है!


नतीजा?
भीलवाड़ा में पिछले नौ दिनों में मात्र एक मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है! जिले के 27 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 27 ठीक हो चुके हैं और 15 को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है!


इकोनॉमिक्स टाइम्स के सूत्रों की मानें, तो कोरोना से निपटने के लिए अब केंद्र सरकार पूरे देश में इसी "भीलवाड़ा मॉडल" को अपनाने का विचार कर रही है!


क्यों?
क्योंकि राजस्थान, महाराष्ट्र और केरल-पहले ही इस मॉडल को अपना चुके हैं जिसका असर तीनों राज्यों में दिख रहा है! उड़ीसा और पंजाब भी उसी राह पर चल रहे हैं!


उपलब्ध संसाधनों का सदुपयोग, काबिल अफसरों की टीम और जनता के सहयोग से क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता....भीलवाड़ा ने यह कर दिखाया है!


ऐसे अफसर को कोटि कोटि नमन 🙏🙏 रहेगा!


कपिल देव