जस्टिस राजेन्द्र सच्चर 

पुण्यतिथि जस्टिस राजेन्द्र सच्चर 
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लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षक के रूप में जस्टिस सच्चर एक जाना माना नाम था l समता ,लोकतंत्र एवं धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों के प्रति पूरी ज़िंदगी समर्पित रहने वाले न्यायविद राजेन्द्र सच्चर की आज पहली पुण्यतिथि है l 
समाजवादी आन्दोलन के प्रखर वक्ता , दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश, गान्धी स्मारक निधि के ट्रस्टी जस्टीस राजिंदर सच्चर छह अगस्त 1985 से 22 दिसंबर 1985 तक दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे. इसके अलावा उन्होंने सिक्किम और राजस्थान हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस की भी जिम्मेदारी संभाली थी. दिल्ली हाई कोर्ट से रिटायर होने के बाद वे मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) से जुड़ गए थे.


पूर्व चीफ जस्टिस राजिंदर सच्चर देश के मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का आकलन करने वाली सात सदस्यीय समिति के अध्यक्ष भी रहे, जिसे डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने गठित किया था. नवंबर 2006 में संसद में सौंपी अपनी रिपोर्ट में सच्चर समिति ने देश के मुसलमानों को पिछड़ेपन के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से भी पीछे बताया था. इसके अलावा मुस्लिम आबादी और निर्णय करने वाले आईएएस और आईपीएस जैसे पदों पर उनकी भागीदारी में असंतुलन को सामने लाते हुए इसे दूर करने की सिफारिश की थी.


हरदा से समाजवादी जन परिषद की प्रत्याशी के रूप में शमीम मोदी चुनाव लड़ रही थी l  में इस चुनाव में प्रमुख चुनाव संचालक की जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा था l चुनाव प्रचार के लिए जस्टिस सच्चर को हरदा आना था l उनका प्रोग्राम यह था कि वे हवाई मार्ग से भोपाल आएंगे और वहां से सड़क मार्ग से हरदा पहुंचेंगे l भोपाल में उन्हें रिसीव करने के लिए मुझे तैनात किया गया था l मैंने उन्हें कभी देखा नहीं था इसलिए थोड़ा संकोच हो रहा था फिर भी एयर पोर्ट से बाहर आते यात्रियों को ध्यान से देख रहा था l छोटे कद काठी के एक बुजुर्ग जब अपनी ट्रॉली बेग लुढ़काते हुए गेट पर आए तो मैंने डरते डरते पूछा सर आप जस्टिस सच्चर तो नहीं है ? उन्होंने हामी भरी तो हमने अपना परिचय देकर हाथ मिलाया l और हरदा जाने वाली कार में उन्हें बैठाया l भोपाल से हरदा  के बीच चार घण्टे के सफर में उनसे बहुत गपशप हुई l विशेषकर समाजवादी आंदोलन की स्थिति पर l दूसरे दिन उनके दो तीन कार्यक्रम थे उनमें संचालक के रूप में में उनके साथ साथ था l इसी दिन  भाजपा प्रत्याशी और पूर्व राजस्व मंत्री कमल पटेल  के गांव रातातलाई  में अनुसूचित जाति के भाइयों की एक सभा में हम उनके साथ थे l उनकी जीवंतता और ऊर्जा देखकर हम आश्चर्यचकित थे l जस्टिस सच्चर का सानिध्य और उनसे हुआ  वार्तालाप ज़िंदगी का अद्भुत संयोग रहा  l


भावपूर्ण श्रद्धाजंलि सहित सलाम उन्हें l