'दून नागरिक राहत समूह' द्वारा आज चौथे दिन देहरादून के नेहरुग्राम में राशन किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही इलाके में सर्वे करके ये जानने की कोशिश की गई कि कितने ज़रूरतमंद लोगों को सरकार की तरफ से राशन मिला है और अभी कितने परिवार ऐसे हैं जिन्हें कोई राशन नहीं मिला है। सर्वे से पता चला कि सरकार की तरफ से बहुत ही कम जरूरतमंदों को राशन दिया गया है। जिन्हें जो राशन मुहैय्या कराया गया है वो एक हफ्ते के लिए भी पर्याप्त नहीं है। सभासद और विधायक द्वारा बाँटा जा रहा पका हुआ भोजन केवल दिन के एक वक्त का ही दिया जा रहा है। जिन परिवारों में छोटे बच्चे हैं उनके लिए दूध की कोई व्यवस्था नहीं है।
'दून नागरिक राहत समूह' की इस पहल की एक सीमा है। सरकार को चाहिए कि वह सभी जरूरतमंद परिवारों को कम से कम तीन महीने का राशन और ईंधन दे। इसके लिये एक 'राहत सामग्री टॉस्क फोर्स' का गठन करके सर्वे करे और तत्काल राहत सामग्री मुहैय्या कराये। इसके साथ ही प्रत्येक मज़दूर मेहनतकश को न्यूनतम मासिक वेतन दे जिससे कोई व्यक्ति अपनी अन्य ज़रुरी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।
आज के इस मुहिम में महिला मंच से कमला पंत, निर्मला बिष्ट, सीमा नेगी, स्त्री मुक्ति लीग से कविता कृष्णपल्लवी, पीपुल्स फोरम से जयकृत कंडवाल, भार्गव चंदोला और सुशील सैनी शामिल रहे।
कविताकृष्णपल्लवी