*लोक स्वातंत्र्य संगठन, छत्तीसगढ़*
*Peoples Union For Civil Liberties (PUCL), Chhattisgarh*
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प्रेस नोट
जारी तिथि २४ मार्च २०२०.
दक्षिण बस्तर के सुकमा क्षेत्र में राज्य प्रायोजित नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान माओवादियों ने गत २२ मार्च को सुरक्षा बलों पर हमला कर सत्रह जवानों की हत्या कर दी है । इस घटना की खबर से अमन पसंद लोगों को गहरा आघात पहुंचा है ।
पी यू सी एल की छत्तीसगढ़ इकाई इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए नक्सलियों की इस हिंसक कार्यवाही की कड़ी निंदा करती है ।
पी यू सी एल छत्तीसगढ़ इकाई पूरी घटना पर जवानों की सुरक्षा के प्रति खुफिया मानकों पर चूक के संबंध में निष्पक्ष जांच और राज्य के खुफिया तंत्र को दुरुस्त किए जाने की आवश्यकता पर लापरवाही के प्रति जवाबदेह संस्थानों को सचेत करती है । साथ ही पिछले निर्मला बुच कमेटी से लेकर वर्तमान जस्टिस पटनायक कमेटी तक पूर्ववर्ती और हालिया सरकार के दावों और उसके जमीनी हक़ीक़त पर एक अवलोकन की मांग भी रखती है।
छत्तीसगढ़ पीयूसीएल बस्तर क्षेत्र में नागरिकों के भयमुक्त और स्वतंत्र जीवन जीने की परिस्थितियों के प्रति अत्यंत चिंतित है। जहां माओवादियों से उनके हिंसक गतिविधियों पर आगाह करती है कि ऐसी घटनाओं के कारित होने से अंततः निरीह आदिवासी जनता ही उत्पीड़ित होगी । वहीं राज्य सत्ता से माओवादियों के सफाये के नाम पर आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में बड़ी संख्या में सैन्यीकरण के कारण जनजीवन के असामान्य हालातों को भी रेखांकित करती है ।
दोनों पक्षों से संघर्ष क्षेत्र में सैद्धांतिक मतभेदों को हथियारों के बल पर थोपने के तरीकों पर असहमति दर्ज कराते हुए, त्वरित युद्ध विराम तथा संवाद आरम्भ किये जाने की घोषणा किए जाने का आह्वान करती है।
द्वारा जारी-
छत्तीसगढ़ पी यू सी एल
डिग्री प्रसाद चौहान
(अध्यक्ष)
शालिनी गेरा
(सचिव)