नर्मदा बचाओ आंदोलन की शानदार पहल

नर्मदा बचाओ आंदोलन के सभी  कार्यकर्ता, कार्यकारिणी सदस्य, एवं सहयोगियों से कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए   मेधा पाटकर द्वारा एक अपील की गई है जिसमें समाज के उन वंचित तबकों मेहनतकश मजदूर परिवार के सदस्यों को हर संभव सहायता के दिशा निर्देश जारी जारी किए गए हैं ताकि वह मौजूदा सरकार की ना काबिलियत और गैर जिम्मेदाराना पूर्ण रवैया जिसके चलते देश की एक बड़ी आबादी को भूख से मरने के लिए असहाय छोड़ दिया जाए हैं उन्हें किसी भी कीमत पर बचाने का प्रयास जन आंदोलन के साथियों द्वारा किया जाएगा नर्मदा बचाओ आंदोलन की इस पहल को निश्चित रूप से स्वागत योग्य कदम इसलिए भी कहा जाना चाहिए क्योंकि हमारी मौजूदा सरकारों ने इस खतरनाक वायरस के संक्रमण से बचने के लिए कोई भी पुख्ता इंतजाम नहीं किए बल्कि देश की जनता को अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिए 21 दिन के लॉक डाउन के चलते अपने घरों में कैद रहने के लिए मजबूर कर दिया है देश की जनता की दैनिक उपयोग की जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए इसका कोई सम्मानजनक मॉडल इन के पास मौजूद नहीं है इसी अव्यवस्था के बीच नर्मदा बचाओ आंदोलन के साथियों के द्वारा की जा रही यह पहल निश्चित रूप में इस स्याह अंधेरे के बीच रोशनी की किरण दिखाई देती है जो निश्चित रूप से देश की बड़ी आबादी को बचाने के लिए आशा की किरण है इस मॉडल को देशभर के जन आंदोलनों और जन संघर्षों के साथियों को भी अपनाना चाहिए ताकि वे अपने-अपने इलाकों में मेहनतकश मजदूरों और बेसहारा निर्धन लोगों की जानमाल की सुरक्षा कर सकें क्योंकि प्रशासन के भरोसे बैठे रहना उम्मीदों पर पानी फेरना  है जन आंदोलन के साथियों की इस स्वागत योग्य पहल के लिए सभी साथियों को इंकलाबी सलाम...........


जिंदाबाद,
 आप जानते ही  हैं कि 21 दिनों के लॉकडाउन से किस किस पर क्या क्या असर  आये हैं | इसमें सबसे ज्यादा असर स्वयंरोजगार के साथ जीने वाले समुदायों पर, मजदूर, कारीगर, छोटे फेरीवाले, दुकानदार (किराणा, मेडिकल, डेयरी छोड़कर), आदि पर है | मछुआरों को मछली मारने या किसी को नर्मदा पर स्नान भी करने नहीं जाने देना ज्यादती है | फिर भी हम इस स्थिति में चूप न बैठे |
कृपया हमने बड़वानी, धार के जिलाधिकारी एवम मध्यप्रदेश शासन को कल दिये आवेदन गंभीरता से पढ़े और उनमें से मांगे आगे बढ़ाई जाए |
हमारी मांगे मीडिया ने भी उठायी | आज मुख्यमंत्री जी की घोषणा आयी है | कल रात जिलाधिकारी, बड़वानी के आदेशों से कुछ समयपत्रक के साथ लॉकडाउन से दी गई छूट और निर्देश पर हमने फिर कुछ टिप्पणी तैयार की है | कृपया इसे भी देखें और लोगों को जानकारी देने के लिए आप दो मोटरसाइकिलों पर 4 लोग निकले |
अपने ही गांव के गरीबों को पहले मिलकर, एकेक की हालत जाने | जो भूखे हैं, न्यूनतम खाद्यान्न और पैसा जिनके पास नहीं है ऐसे परिवारों को पहले जरूरते पूरी करने में तत्काल मदद दे |


1. आप इसके लिए 1. दाल, मिरची, गेहूँ, चावल, इकट्ठा करने पर ऐसे परिवारों को बांट दीजिए |


2. हर एक भूमिहीन को कब सब्जी मंडी, कब कौनसे दुकान, या कार्यालय खुले रहेंगे,शासन कितनी राशि या अन्य सहयोग कहाँ कैसे देगी, यह समझाइये व प्राप्त करने में मदद करे ताकि कोई भ्रष्टाचारी न लाये |


3. जरूरत हो वैसे आने जाने में रोकने वाले पुलिस या शासकीय कर्मचारीयों को समझ दिजीये | उनसे कही ज्यादती – लाठीचार्ज या किसी प्रकार का अन्याय हुआ है........ यह मालूम हो तो तत्काल उसकी दखल लेकर ,जरूरत हो वहाँ शिकायत दाखल करे |


• अपने गांव और तहसील में कार्यकर्त्ता व कार्यकारिणी सदस्य घूमकर अनाज मिरची, तूवर, दाल इ. इकट्ठा करे | सब्जी, फल जो बेचे नहीं जा रहे हैं, उसे नजदीकी क्षेत्र के लोग आकर ले जाए या गरीबों तक पहुंचाए – मुफ्त में या कम दाम में, इसका नियोजन करे |


• अपने गांव और तहसील में जहाँ सब्जी, फल अधिक बचे हैं, उन्हें सूखाना, चिप्स बनाना, टोमेटो का साँस  बनाना इ. कार्य घरों में या  छोटे समूहों में शुरु करवा दीजिये | कुछ भी फेंका न जाये |


• अब भूमीहिन मजदूरों को जो राहत राशि, अधिक का राशन, दो महिनों का एडवांस पेन्शन आदि की घोषणा की गई है, तो वह कैसे, कब, कहाँ से मिलेगा, कहाँ भुगतान होगा और गरीबों के हाथ कैसे आएगा, इसपर आप जानकारी लीजिये, स्वयं अधिकारी के पास जाकर ...... और वह जानकारी हर गरीब, अनपढ़ परिवार – तक और अन्य भी जो ‘सुरक्षित’ नहीं है, तत्काल पहुंचाये | हम *एक पर्चा बनाने की तैयारी में* है लेकिन आप रुके नहीं, तत्काल पहुंचे धरातल तक ! इसके लिए पुलिस नहीं रोक सकते !


• जो कि व्यवसाय, मंडी, दुकान, कार्यालय खुला रखना समय पर ....... जाहिर हुआ है, उसकी निगरानी याने मानिटरिंग के लिए तहसीलवार ¾ लोगों की टीम बनाये और शुरू करें |


• ध्यान रखे, हमारी सभी मांगे अभी पूरी नहीं हुई है जैसे, किसानों का अनाज, सब्जी माल बाजार तक पहुंचाते रात की वाहन व्यवस्था को मंजूरी,  पीने का पानी बसाहटों में जहाँ नहीं है, वहाँ की व्यवस्था......


• हमारी मांग है, पुनर्वास और एनव्हीडी एके कार्यालय और कार्य जारी रखने की ! निर्णय नहीं हुआ है | सब मांगे उठायेंगे या नहीं ? अपने अपने गांव से कलेक्टर को पत्र लिखे – मुख्य सचिव को प्रत भेजे, मुख्यमंत्री को भी |


• जहाँ भी जो जरूरत हो, स्वास्थ्य परीक्षण कैंप लगाकर, या सामुदायिक भोजन व्यवस्था, बच्चों को व बूढों को दूध या फल पहुंचाना – पानी की व्यवस्था, सफाई  की व्यवस्था करना या करवा लेना, इसके लिए अपने कार्यकर्त्ता व प्रतिनिधी सक्रिय रहे | हमारे प्रमुख साथी जो भी सशक्त रूप से करेंगे, प्रशासन से प्रतिसाद जरुर पाएंगे |


*साथियों,* 
अगर देश और दुनिया में इतना खतरा है, (जबकि कोरोना का संक्रमण 500 व्यक्तियों को हुआ है और कुछ 10 मौते )...... फिर भी अगर पूरी अर्थव्यवस्था बंद करके हम चूप बैठेंगे तो कई गरीब परिवार भूख से मरने का डर भी है | रोजगार या व्यवसाय एक बार खत्म होने पर फिर आगे बढना कब, कैसे होगा, यह भी अर्थशास्त्रीयों तक की चिंता का विषय है |
आज इस स्थिति में जब हम ‘लॉकडाउन’ मंजूर कर रहे हैं, तब आंदोलनकारी मात्र स्वयं और परिवार की सुरक्षा के भय से चूप बैठे तो अपराध होगा | जो संभव हो, हम तत्काल करे |
 मेधा पाटकर   
 नर्मदा बचाओ आंदोलन