घर है मेरा मुल्क है मेरा, हम तो यहीँ मर जायेंगे

घर है मेरा मुल्क है मेरा, हम तो यहीँ मर जायेंगे...
बोलोगे ग़द्दार तो तुम्हारी ये आंखें नोच ले जाएंगे...


मत करो जुर्रत भिड़ने की ना ही हमको छेड़ो तुम...
मुँह की खाओगे तुम, गर हम लड़ने पर आ जाएंगे...



क्या खता हमारी जो हमको इल्जाम देते हो तुम...
मार कर देखो गर तुम हम दफ़्न यहीँ हो जाएंगे...


तुम अगर मुल्क की सरहद पर लड़ने को जाओगे...
तुम्हारी हिफाज़त के लिए हम दुआ गो हो जाएंगे...


मत करो अलगाव की और रंजिशों की बातेँ तुम...
तुम गर गले लगोगे हमारे सर पर तुम्हें बिठाएँगे...
~हुमा