भारत जोड़ो - संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा का 51वें दिन  सेवाश्रम, वर्धा में समापन हुआ ।

समाजवादी समागम का दावा गत 51 दिनों में देश मे किसी ने भी 162 सभाएं नहीं कीयात्रा के  भावी कार्यक्रमो की घोषणा हैदराबाद समाजवादी समागम में होगी।समाजवादी समागम ने किया पृथक विदर्भ राज्य का समर्थनसमाजवादी समागम द्वारा 30 जनवरी को दिल्ली में गांधी स्मृति से गांधी जी  के जन्म के 150 वर्ष तथा समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरे होने के अवसर पर निकाली गई भारत जोड़ो- संविधान बचाओ, समाजवादी विचार यात्रा का आज सेवाग्राम आश्रम (वर्धा) में समापन हुआ। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार  समापन 23 मार्च को हैदराबाद में  होना था ।


यात्रा 51वें दिन नागपुर में दीक्षा भूमि पहुंची। नागपुर में यात्रियों का स्वागत भोले भाई ने किया| करोना वाइरस के संक्रमण को फैलने से रोकने की दृष्टि से नागपुर में सभी दुकानें एवं आवागमन के साधनों को बंद कर दिया गया था तथा धारा 144 लगा दी गई है। इसके बावजूद कामठी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुश्री माया ताई चवरे, चार्टेड अकाउंटेंट सुनील चोखारे, अधिवक्ता सिन्हा, दीक्षा भूमि पर पहुंचे। दीक्षा भूमि के बंद होने के कारण बाबा साहेब को गेट पर ही पुष्पांजली अर्पित की गई। 


साथियों को संबोधित करते हुए माया ताई चवरे ने कहा कि दिल्ली की सरकार संविधान को बदलना चाहती है इसलिए संविधान की रक्षा करने के उद्देश्य से भारत जोड़ो-संविधान बचाओ यात्रा निकाली गई है। उन्होंने शराब बंदी की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि गांधी जी एवं बाबा साहेब दोनों का सामूहिक सपने को पूरा करने के लिए देश की महिलायें आंदोलन चला रही है, जिसे तेज करने की आवश्यकता है।


सुनील चोखारे ने कहा जामवंत राव धोटे के जमाने से हम पृथक विदर्भ के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार ने तमाम राज्य बनाये लेकिन उनसे पहले विदर्भ राज्य बनाया जाना था उन्होंने कहा कि विदर्भ क्षेत्र को बिना पृथक राज्य बने न्याय नहीं मिलेगा।


समाजवादी समागम की ओर से सुनील जी ने प्रस्ताव का समर्थन किया गया।
लीलाधर जी धाबे जी ने कहा कि बाबा साहेब ने शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो का जो सूत्र दिया था, उसको पकड़कर ही समाज मे परिवर्तन किया जा सकता है। शीला गजभिये, अधिवक्ता सिन्हा ने भी सभा को सम्बोधित किया ।यात्रा नागपुर से होकर वर्धा सेवा ग्राम आश्रम तक हुई जहां गांधी जी ने आजादी के आंदोलन के दौरान 10 वर्ष से अधिक समय बिताया था । इसी आश्रम में गांधी जी ने 1942 के आंदोलन को अंतिम रूप दिया था। यहीं से जाने के बाद बा और महादेव देसाई जी की गिरफ्तारी हुई थी तथा उनका आगा खांन पैलेस जेल में देहांत हुआ था। गांधी जी के सेवा आश्रम का दर्शन करने के बाद नई तालीम कार्यालय में यात्रा का समापन कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ, जिसे संबोधित करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि नई तालीम में 14 विषयों की पढ़ाई कराई जाती थी तथा प्रशिक्षण दिया जाता है  ताकि श्रम की प्रतिष्ठा मिल सके। परन्तु धीरे-धीरे शिक्षा व्यापार की वस्तु बना दी गई है, उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पूरी व्यवस्था विकृतपूर्ण हो गई है। समापन कार्यक्रम में बोलते हुए अतिक्रणकारियों को पट्टा दो, आंदोलन के नेता निहाल पांडे ने कहा कि उन्होंने 40000 भूमिहीनों को पट्टा दिलाने के लिये वर्धा से दिल्ली 56 युवाओं की साइकिल रैली निकाली थी। तब डॉ. सुनीलम ने बिना पहचान के केवल फोन से बात करने के बाद यात्रियों का रास्ते में कई जगहों पर इन्तजाम किया था। इसी आंदोलन के चलते ही अब तक 2900 अतिक्रमणकारियों को पट्टे मिल चुके हैं।


समागम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यात्रा संयोजक अरूण श्रीवास्तव ने कहा कि हम भले ही हैदराबाद में समाजवादी समागम करोना संक्रमण के चलते नहीं कर पा रहे हों लेकिन शीघ्र ही हैदराबाद में समाजवादी समागम आयोजित किया जायेगा जिसमें समाजवादी समागम के भावी कार्यक्रमों की घोषणा की जायेगी।
अरुण श्रीवास्तव जी ने कहा कि हैदराबाद समागम की पूरी तैयारी कर ली गई थी परंतु कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए पहले रविन्द्र भारती हॉल की बुकिंग रद्द कर दी गई, फिर छोटी बैठक की अनुमति भी सरकार ने नहीं दी, ठहरने के लिए बुक किये गए 100 कमरों की बुकिंग भी रद्द कर दी गई। इस कारण समाजवादी समागम से जुड़े पूर्व गृह मंत्री नाइ नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व एम एल सी यादव रेड्डी, समाजवादी चिंतक गोपाल सिंह, पी जे सूरी और तेलंगाना के समाजवादी साथियों को 23 का कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा, परन्तु शीघ्र की अगली तारीखों की घोषणा की जाएगी।


डॉ. सुनीलम ने कहा कि यात्रा इस मायने में सफल रही क्योंकि समाजवादी समागम के यात्री साथियों को देश के महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में चल रहे सी ए ए - एन आर सी- एन पी आर आंदोलन में सक्रिय भागीदारी करने का मौका मिला। डॉ. सुनीलम ने कहा कि यात्रियों के अलावा देश में कोई भी व्यक्ति यह दावा नहीं कर सकता कि उसने 51 दिन में 162 सभाएं की हों तथा 45 शाहीन बाग में शामिल होकर आंदोलनकारी महिलाओं का समर्थन किया हो।


उन्होंने कहा कि यात्रा विशेष तौर पर इसलिए सफल कही जाएगी क्योंकि जब यात्रा शुरू हुई थी तब अमित शाह कह रहे थे एक भी आदमी को बख्शा नहीं जाएगा तथा यात्रा के समाप्ति के समय कहने लगे कि किसी को भी संदिग्ध नागरिक घोषित नहीं किया जाएगा। हालाँकि अभी तक नागरिकता कानून के रूल्स में परिवर्तन नहीं किया गया है। यात्रा शुरू होते समय 4 राज्य सरकारें खिलाफत कर रही थीं परन्तु आज 500 शाहीन बाग के अलावा 16 राज्यों की सरकारें नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहीं है, तथा जल्दी ही सरकार को 1 अप्रैल से शुरू होने वाली प्रक्रिया को स्थगित करने की घोषणा करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।


उन्होंने कहा कि मैं 1942 में पैदा नहीं हुआ था, जेपी आंदोलन के समय स्कूली छात्र था। अन्ना आंदोलन में कोर कमेटी में रहकर आंदोलन में भागीदारी करने का मौका मिला तथा स्वतंत्र भारत में चले तीसरे बड़े राष्ट्रीय आंदोलन में यात्रा के माध्यम से सक्रिय भागीदारी करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने गांधी जी की हत्या के बाद उनकी विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया है । उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया सप्त क्रांति विचार यात्रा तथा इस यात्रा के भी प्रेरणा स्रोत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी डॉ. जी.जी. परीख थे। इतना अंतर जरूर है कि पिछली बार समाजवादी नेता सुरेन्द्र मोहन जी तथा जनेश्वर मिश्र जी का सक्रिय सहयोग मिला था, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि पूरी यात्रा के दौरान राष्ट्र सेवा दल, हिन्द मजदूर सभा, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, हम भारत के लोग, नशामुक्त भारत आंदोलन तथा अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति तथा फैक्टर सहित सभी समाजवादी साथियों का सहयोग मिला। कार्यक्रमों के दौरान ही आम जन तथा समाजवादी साथियों के 10 लाख रुपये के  आर्थिक योगदान से  यात्रा संपन्न हुई। 


एड. आराधना भार्गव ने कहा कि देश के जन आन्दोलनकारियों से मिलने का मौका तो मिला ही साथ ही पेरियार, सावित्री बाई फूले, बाबा साहेब अंबेडकर, लिंगायत मठों जैसे समाज सुधारकों के स्थानों पर भी जाने का मौका मिला। उत्तराखण्ड से आये राजेश वर्मा ने कहा कि डॉ. लोहिया जन्मशताब्दी वर्ष के दौरान भी उन्होंने डॉ. सुनीलम के साथ देशभर की सप्तक्रांति यात्रा की थी, उन्हें दूसरी बार देश की यात्रा का अवसर समाजवादी समागम ने दिया। यात्री प्रमिला ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि राष्ट्र सेवा दल के गीतों को देश भर में गाने का मौका मिला। बाले भाई ने कहा कि वे भगत सिंह की प्रेरणा से राजनीति में आये थे तथा उन्हें समाजवादी समागम ने गांधी जी की 150 वीं जयंती के अवसर पर देश की यात्रा करने का अवसर दिया। केरल के पीजे जोजी ने कहा कि यात्रा की तैयारी जितनी बेहतर होगी उतना ही अच्छा यात्रा का नतीजा निकलेगा। उन्होंने कहा कि पूरे दक्षिण भारत में यात्रा के माध्यम से समाजवादी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास प्रसंशनीय है ।


उल्लेखनीय है कि यात्रा का आयोजन समाजवादी समागम द्वारा किया गया है, जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है, जिसमें यात्रा सफल रही।