आओ याद करें लोहिया को
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डॉ राममनोहर लोहिया ने कहा था कि जो लोकसभा के चुनाव लड़ते हैं और हार गए उन्हें राज्यसभा के पिछले दरवाजे से संसद मेंप्रवेश नहीं करना चाहिए।क्योंकि जनमत ने उन्हें सीधे चुनाव में नकार दिया है।लोहिया कई चुनाव हारे पर राज्यसभा में नहीं गये।स्व मधुलिमये ने भी लोकसभा चुनाव में हारने के बाद राज्य सभा में जाना स्वीकार नहीं किया।अगर कांग्रेस ने लोहिया के जनतांत्रिक सिद्धांत को माना होता तो एक राज्यसभा के लिए पार्टी नहीं टूटती।भूलना नहीं चाहिए सिद्धांत जोड़ता है स्वार्थ तोड़ता है।
@ Raghu Thakur