आज सब बंद हैं मंदिर भी क्या कलीसा क्या मस्जिदें बंद हैं,गुरद्वारों पर लगे ताले

इब्न ए आदम!!!


बहुत ग़ुरूर था तुमको भी ख़ुदा होने का
ज़मीं पे खींच के नक़्शा बने सुल्तान भी तुम
तुमने इंसान को इंसान भी रहने न दिया
सारी मख़लूक़ के क़ातिल बने इतराते रहे
हर एक सब्ज़े को कुचला ,तमाम करते रहे
तुम जमा करते रहे तोप भी बन्दूकें भी
तुम्हारे वास्ते लिबास ओ रंग ओ नस्ल बड़ा
तुम इसी जहत में ग़ाफ़िल रहे कि इक तुम हो
सबसे बरतर सबसे अशरफ़ व सबसे ताक़त वर
थी आरज़ू कि हड़प डालो गे सारी धरती
सिसकती रूहों के क़ातिल भी हुए,क़त्ल किया बच्चों का
हवा भी क़ैद किया,क़ैद कर लिया पानी
तुमने बरबाद किया अर्ज़ ए बरीं, गुलशन सब
जुनू में अपने ,किये कश्त ओ खूं के रक़्स इतने
भूख और प्यास का व्योपार खौफ़ का बिजनेस
सारी बंदूके, एटम बम तुम्हारे सब बेकार
थे बेक़रार भी मग़रूर ,तुम सुपर पावर
तुमने चीखें न सुनी सीरिया के बच्चों की
तुमने मासूम फ़िलिस्तीन को रौंद भी डाला
तुमने इराक़ की तारीख़ को मिटा डाला
चंद लोगों की अमारत के लिए ही तुमने
करोड़ों शजर काट डाले है अमेज़न के
तुम हुक्मरां थे ,कहाँ सुध लिया इंसानों की
अब डरे सहमे हुए क़ैद हो घर के अंदर
तुम तो कहते थे यही तुम हो ख़ुदा से बढ़कर
ख़तरा ए धर्म का इक खौफ़ बपा करते रहे
कभी मस्जिद से, कलीसा से कभी मंदिर से
आज सब बंद हैं मंदिर भी क्या कलीसा क्या
मस्जिदें बंद हैं,गुरद्वारों पर लगे ताले
जब लिखी जाएगी तारीख़ ए ज़मीं, तुम सुन लो
हाल अहवाल लिखा जाएगा जब भी कल को
जान लेना और मान लेना तुम
सारी बरबादी के हो ज़िम्मेदार बस तुम ही
तुम्ही ने दावा ए फ़िरऔन ए वक़्त कर डाला
तुम्ही ने आग लगाई है ज़माने में हर इक खित्ते में
वक़्त अब भी है कि इन्सान बनके दिखलाओ
तुम्हारे सारे पाप माफ़ करेगी क़ुदरत
इस ज़मीं पर जो रहो तुम तो सबको रहने दो
क्योंकि क़ुदरत न है इकरँग,ना तुम्हारी है!!!!


ख़ुर्शीद


इस तस्वीर पर बस आंसू हैं😢😢😢😢