समाजवादी विचार यात्रा 24 वें दिन चित्रदुर्गा से तुमकुर पहुंची 

 


 


यात्रियों ने एस निजिलिंगप्पा की समाधि पर दी पुष्पांजलि 



30 जनवरी को गांधी स्मृति, दिल्ली से निकली भारत जोड़ो - संविधान बचाओ ,समाजवादी विचार  यात्रा चौबीसवें दिन मुर्गा मठ, चित्रदुर्गा पहुंची, जहां प्रोफेसर कृष्णमूर्ती, टीपू कासिम और अधिवक्ता सैयद नूर अल हसन ने यात्रियों का स्वागत किया। 


तीन बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एस. निजलिंगप्पा के समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की। 


चित्रदुर्ग में सी ए ए - एन आर सी - एन पी आर विरोधी वकीलों के आंदोलन का किया समर्थन 


गांधी जी के विचारों पर चल कर ही नई दुनिया बनाई जा सकती है।


इस अवसर पर बोलते हुए बी आर पाटिल ने कहा की निजलिंगप्पा जी को देश के सर्वाधिक ईमानदार गांधीवादी राजनीतिज्ञ के तौर पर देखा जाता है। उन्होंने संविधान सभा में भागीदारी करते हुए धारा 32 को शामिल कराया, उसमें राज्य के नीतिनिर्देशक सिद्धांतों को शामिल किया गया। उन्होंने कर्नाटक के किसानों के लिए सर्वाधिक सिंचाई परियोजनाएं बनवाई। उन्होंने राज्य के बड़े संस्थानों का गठन किया है। यात्रियों ने चित्रदुर्गा पहुंचकर बाबा साहेब की मूर्ति पर मालार्पण किया। पूरे चित्रदुर्गा के चौराहे पर सेवानिवृत्त डॉ एच के एस स्वामी ने हाथ से बनाकर गांधी के 150 जयंती के अवसर पर निकाली जा रही यात्रा के पोस्टर हाथ से बनाकर लगाए ।


सभा को संबोधित करते हुए डॉ स्वामी ने कहा की 20 साल तक कॉलेज के विद्यार्थियों को पढ़ाने के बाद वे इस नतीजे पर पहुंचे की गांधीजी के विचार को जीना ही काफी नही है, उसके लिए समाज में सक्रिय कार्य करने की आवश्यकता  है। 


डॉ सुनीलम ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के निमंत्रण पर दुनिया में साम्राज्यवाद का प्रतीक, आतंकवाद का पोषक और घातक हथियारों के सबसे बड़े सौदागर देश अमेरिका का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 दिवसीय भारत यात्रा पर  24 एंव 25 फरवरी को भारत पहुंच रहे हैं।


अमेरिका, अपने साम्राज्यवादी मंसूबों के चलते दुनिया के तमाम देशों की आज़ादी और संप्रभुता के लिए बड़ा खतरा है। वह अपने हथियार बेचने के लिए इन देशों  में युद्ध के हालात पैदा करता है और धार्मिक कट्टरवाद और नस्लवाद को बढ़ावा देता है।


हिरोशिमा, नागासाकी से लेकर विएतनाम, कम्बोडिया, लाओस, कोरिया और हाल ही में इराक़, अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया और लैटिन अमेरिकी देशों में अमेरिका प्रायोजित तबाही हमारे सामने है।


भारत में भी वह अपने सैन्य अड्डे बनाने के मंसूबों पर काम कर रहा है। पिछले दिनों की गई कोमकोसा संधि  इसी दिशा में एक कदम है।
इतना ही नहीं इस दौरे का उद्देश्य कृषि , डेयरी और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में ऐसे व्यापार समझौते करना है जो इन उत्पादों के अमेरिका से आयात को सस्ता और सुगम बना कर भारतीय कृषि एवं किसानों के लिए संकट पैदा करेगा एवं चिकित्सा उपकरणों को महंगा करेगा। सरकार का यह कदम देश के आम गरीब लोगों वह किसान, मजदूरों के हितों की बलि चढ़ाकर पूंजीपतियों की मिलीभगत से अमेरिकी लूट को सुगम बनाएगा । 


डॉ सुनीलम ने ट्रंप की इस यात्रा का विरोध करने एवं भारत सरकार को देश हित विरोधी समझौते करने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की अपील की।


यात्रियों ने मुस्लिम एडवोकेट ट्रस्ट द्वारा 20 दिनों से किये जा रहे अनिश्चितकालीन धरना  स्थल पर जाकर समर्थन दिया। 


इस अवसर पर बोलते हुए डॉ सुनीलम ने कहा की देश भर में 500 जगह पर शाहीन बाग़ की तर्ज पर आंदोलन किये जा रहे हैं। अधिकतर धरना देने वाली मुस्लिम महिलाएं है। यात्रा 30 से अधिक शाहीन बागों में एकजुटता प्रदर्शित करते हुए आयी है। यह पहला ऐसा स्थान देखने में आया है जहां पुरुषों  द्वारा धरना दिया जा रहा है। उन्होंने दलितों के लिए दिए जा रहे आरक्षण, 33 लाख आदिवासी परिवारों को उजाड़ने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को जनता द्वारा नकार दिए जाने के बाद  सरकार द्वारा फैसले बदले जाने का ज़िक्र करते हुए कहा कि  भूमिअधिग्रहण कानून को भी मोदीजी बदलना चाहते थे लेकिन बहुमत होने के बावजूद 6 वर्ष में नही बदल सके। 


मुस्लिम एडवोकेट ट्रस्ट के अध्यक्ष सय्यद साहब ने कहा की सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद शाह बानो संबन्धी फैसले को  हमने सरकार से बदलवाया था। अब हम नागरिक संशोधन कानून वापस होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। 


समाजवादी विचार यात्रा के कर्नाटक राज्य संयोजक, अरविंद दलवई ने कहा की भाजपा की सरकार कर्नाटक के समाज में साम्प्रदायिकता का और जातिवाद का जहर घोल रही है जबकि कर्नाटक  के विकास के लिए किसी एक जाति का वर्चस्व एवं धार्मिक कट्टरता का खात्मा आवश्यक है। 


यात्रियों के हिरियूर पहुंचने पर के सी होराकेरप्पा, रैय्यत संघ चित्रदुर्गा के अध्यक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता केशव मूर्ती एवं ओ मलातेश ने यात्रियों का स्वागत किया। 


किसान नेता ने कहा की सिंचाई का अभाव तथा फसलों का लाभकारी मूल्य ना मिलना मुख्य समस्याएं है। कई वर्षों से इस इलाके में सामान्य वर्षा नही हुई हैं। 4 लाख सुपारी और नारियल के पेड़ नष्ट हो गए है। लेकिन केवल 1 लाख पेड़ों का 400 रूपये के दर से मुआवज़ा दिया गया है जबकि 1 पेड़ सालभर में   5000 रुपये के फल देता है। 


डॉ सुनीलम ने अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के ओर से रैय्यत संघ द्वारा अप्रैल में दिल्ली में  किये जा रहे प्रदर्शन का  समर्थन करने की घोषणा की।


यात्रा के तुमकुर पहुंचने पर टी आर रेवन्ना (स्वतंत्रता संग्राम सेनानी), बासवाय्या (अध्यक्ष, बापूजी शिक्षा संस्था),  बाबू राव (प्राचार्य, बापूजी शिक्षा संस्था) और पुट्टकामन्ना (सचिव, सर्वोदय मंडल) द्वारा बापूजी शिक्षा संस्था में यात्रियों का स्वागत किया गया। 
वक्ताओं ने गांधीवादी और समाजवादी विचारों के बारे में अपने विचार व्यक्त किये। 


अध्यक्षता कर रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रेवन्ना जी ने कहा कि 
 गांधी जी के विचारों पर चल कर ही नई दुनिया बनाई जा सकती है।
सभा को यात्रा के बारे में बताते हुए यात्रा के संयोजक अरुण श्रीवास्तव ने बताया की अबतक यात्रा में 90 कार्यक्रम हो चुके है जिसमे डेढ़  लाख रुपये का आर्थिक सहयोग लोगों द्वारा दिया गया है। उन्होंने कहा की पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में  पूरी होगी । जहां डॉ लोहिया के जन्मदिवस और शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर समाजवादी समागम आयोजित किया जाएगा। उन्होंने चुनाव सुधारों की ज़रूरत पर बोलते हुए कहा की वर्तमान राजनीति पूंजीपतियों के हाथ में चले गयी है जिसे जनता के हाथ में पहुंचाने के किये चुनाव सुधारों की सख्त आवश्यकता  है।


इनके अलावा यात्रीगण अधिवक्ता आराधना भार्गव (मध्य प्रदेश), लोकेश भिवानी (हरयाणा), पी जे जोसी (केरल), रोहन गुप्ता (झारखण्ड), बाले भाई (मध्य प्रदेश) और अंजना (उत्तराखण्ड) ने भी अपने विचार रखे। 


समाजवादी समागम 5 वर्षों से चलाई जा रही  एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन , समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।