मूर्खता और दंभ समानुपातिक होते हैं - वैदेहाचार्य
माननीय प्रधानमंत्री महोदय ने फरमाया है कि जम्मू -कश्मीर से धारा 370 समाप्त करना तथा सीएए लाना देशहित में है।सारे दबावों के बावजूद हम इन पर कायम हैं और कायम रहेंगे।
रहिए जनाब।लोकसभा में आपका बहुमत है और राज्यसभा में आप बहुमत मैनेज कर लेते हैं।
मगर माननीय आपको यह भ्रम कैसे है गया कि देशहित या तो आपको और अमित शाह को ही मालूम है और बाकी को देशहित और देशअहित का पता नहीं है?आपकी मातृसंस्था को तो आजादी की लड़ाई के समय भी 'देशहित' पता था, तभी तो उससे संघ दूर रहा?ठीक है न?बताओ ठीक है न?मौन मत रहो भैया,मुखर होओ।और आपको खुद को भी नोटबंदी के समय 'देशहित पता था,तभी न आपने देश को स्थायी रूप से आर्थिक मंदी में धकेल दिया है?ठीक है न?और जब आपने महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनाई थी और धारा 370 को न छूने का वचन दिया था, वह भी देशहित में था न?था न?और अब धारा 370 हटाकर कश्मीर घाटी की जनता का छह महीने से गला दबाकर रखा है,वह भी देशहित में है? महबूबा मुफ्ती समेत तीन- तीन मुख्यमंत्रियों को कैद में रखा है और रखे रहेंगे, यह भी देशहित में है? है न?जो आप सोचो करो,सब देशहित में है?अंबानी -अडाणी को अनापशनाप फायदे दिलाना भी?देश की संपत्ति बेचते चले जाना भी?
और नागरिकता कानून भी 'देशहित' में ही है?और असम से लेकर दिल्ली और केरल तक इसका जो विरोध कर रहे हैं,जो इसे संविधान के विरुद्ध बता रहे हैं,वे फिर 'देशद्रोही' हैं?जरा सीएए के पक्ष में इतना शांतिपूर्ण, संविधान की याद दिलानेवाला, इतना लंबा,महिलाओं के नेतृत्व में आंदोलन चलाकर दिखाए आपके समर्थक?वे तो जुलूस निकालते हैं और 'गोली मारो सालों को' के नारे लगाते हैं और आप जैसे 'देशहितकामियों' को इस पर शर्म भी नहीं आती।दिल्ली के चुनाव में घृणित वातावरण किसने बनाया था-देशहित के रक्षकों ने?है न?
और न विरोधियों की बात सुननी है,न जनता की,न अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की तो फिर 56 इंच का सीना तानकर कह दो कि भारत आज से जनतंत्र नहीं रहा।सारे देश को ही फिर कश्मीर बना दो। हाँ 'देशहित' में ही, 'विदेशहित' में नहीं!
और हाँ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की कुछ घंटे की अहमदाबाद यात्रा पर जो आप सैकड़ों करोड़ रुपये फूँक रहे हो,झुग्गी बस्तियों पर पर्दा डाल रहे हो,वह भी 'देशहित' में है?और अमेरिका जाकर अगली बार ट्रंप सरकार का नारा लगाकर आए थे,वह भी 'देशहित' में था?
देश हित।
जिन्दाबाद☺️
मोदी हित ही, देशहित है।
@ Vishnu Nagar