खेल हिन्दू - मुसलमान का एजेंडा हिन्दू राष्ट्र का !!!


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कोई 'नैरेटिव' कैसे 'प्लांट' किया जाता है!
कैसे जन मानस गढ़ा जाता है
कैसे अनुकूलित किया जाता है
कैसे 'सेट' किया जाता है
और कैसे कोई एजेंडा उसमें साध लिया जाता है,
इसे थोड़ा समझने की जरूरत है।


जैसे भारत की बरबादी का 
एकमात्र कारण बताया गया 370 को 
और धीरे धीरे जनता को 'सेट' कर लिया गया 
फिर 370 साफ !
ट्रिपल तलाक को लेकर जनता को 'सेट' किया गया 
फिर ट्रिपल तलाक साफ !


आरक्षण पर अभी जनता को 'सेट' किया जा रहा है !
यह भी साफ हो जाएगा एक दिन !
अबकी बार आरक्षण पर वार !!!


फिर मुसलमान !
जैसे मुसलमानों को लेकर सेट किया जा रहा है !
इस देश की सारी समस्याओं की जड़ में मुसलमान।
आतंकवाद से लेकर गरीबी और जनसंख्या विस्फोट सब इन्हीं के चलते !
'सेट' हो रही है जनता !
आप हिंदी साहित्य को देखिए !
वहां से धीरे धीरे जाने या अनजाने मुस्लिम जीवन और संस्कृति अनुपस्थित होती गई है।
मुस्लिम संस्कृति,उनके त्योहार,उनकी परंपराएं,उनकी स्मृतियां गायब होती गईं!
कविताएं,कहानियां कम होती गईं !


हिंदी फिल्मों को देखें 
टीवी सीरियल्स को देखें
तो वहां से भी मुस्लिम संस्कृति गायब होती गई है 
धीरे धीरे !
और यह आज से नहीं हो रहा है।
जब से राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिणपंथ और संघ के विभाजनकारी एजेंडे को मान्यता दी गयी तब से चल रहा है।
जनता पार्टी ने कैसे जनसंघ को मान्यता दी और फिर हिंदुत्व की खाद-पानी से सांप्रदायिकता का फूल खिलाया गया !
हिंदुत्व की प्रयोगशाला में पहले छोटे दुश्मन साधे गए।
1984 में सिख साधे गए !
1989 में जनता दल ने इस हिंदुत्व को सत्ता का स्वाद बाहर से चखाया और अब तो बड़े दुश्मन और असली दुश्मन को निपटाने की हैसियत में थे।
92 का अयोध्या कांड हुआ और मस्ज़िद गिरा दी गयी थी !
फिर गोधरा और गुजरात सब हुआ !
और आज इस प्रेत को रोज खुलेआम सड़क से संसद तक नाचते देख रहे हैं।


रामायण और महाभारत जैसे सीरियल इसी जमीन को
मजबूत कर रहे थे बहुत सायास नहीं भी हो तब भी।
नतीजा कि
मुसलमान पात्र कम होते गए और बचे भी तो 
आतंकवादी के रूप में अधिकांश।
यह परियोजना कोई आज की नहीं है।
अब तो,आज तो
'सेट' हो रही है जनता !
हिन्दू राष्ट्र की पटकथा लिखी जा रही है !
नैरेटिव चलाया जा रहा है !
पाकिस्तान से हिंदुओं को 'हिन्दू स्थान' बुलाया जाने लगा
कि मुसलमानों को पाकिस्तान जाना स्वाभाविक लगने लगे !
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दीपक कुमार राय