आइये देखते हैं देश मे ज्युडिशयरी कैसे काम कर रही है।
यह जस्टिस मुरलीधर है दिल्ली हाईकोर्ट ले तीसरे सबसे सीनियर जज और अपनी कर्मठता और ईमानदारी के लिए बेहद लोकप्रिय।
कपिल मिश्रा और भाजपा के चार नेताओ पर एफआईआर दर्ज करने के साथ साथ दिल्ली पुलिस को लताड़ लगाने का काम भी जस्टिस मुरलीधर ने किया है।
लेकिन ठहरिए हाशिमपुरा दंगे के आरोपियों को और 84 के सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार को सजा दिलाने वाले इस जज के ट्रांसफर का आदेश एक सप्ताह पहले ही निकाल दिया गया है।
यह काम माननीय सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने किया है, जिसकी हाईकोर्ट में जमकर आलोचना हो रही है।
दरअसल पिछले दो सालों में जस्टिस मुरलीधर ने जिस किस्म से फैसले दिए हैं वो एक पक्ष को बहुत परेशान कर रहा है उन्होंने ही वकीलों से कहा कि मुझे माई लार्ड कहने की जरूरत नही है।
दिल्ली हाइकोर्ट के एक मित्र बताते हैं कि वो तो अपने गार्ड का भी पूरा ध्यान रखने वालों में से हैं।
सूत्र बताते है कि सरकार इनसे तबसे नाराज है जबसे इन्होंने सोशल एक्टिविस्ट गौतम नवलखा की जमानत अर्जी स्वीकृत की थी।
खैर, जो भी हो , आज के आदेश और दिल्ली पुलिस पर कमेन्ट के लिए सैल्यूट सर,
Awesh Tiwari