रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यात्री विमानों को शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करना इस्राईली लड़ाकू विमानों के पायलटों के लिए एक सामान्य सी बात बनता जा रहा है।
यह यात्री विमान कुछ ही देर में दमिश्क़ एयरपोर्ट पर उतरने वाला था, लेकिन उसे ऐसा करने से रोक दिया गया, क्योंकि सीरियाई एयर डिफेंस सिस्टम दुश्मन लक्ष्यों को मार गिराने में व्यस्त था। अगर विमान का रुख़ नहीं मोड़ा गया होता और दमिश्क़ एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल ने समय रहते कार्यवाही नहीं की होती तो निश्चित रूप से यह सीरियाई मिसाइल का निशाना बन गया होता।
रूसी मंत्रालय का कहना है कि ए-320 को विकल्प के रूप में मौजूद निकटतम एयरबेस पर उतारा गया।
इस्राईल के एफ़-16 लड़ाकू विमानों ने शुक्रवार की रात 2 बजे सीरियाई सीमा के बाहर से अचानक हवा से सतह पर मार करने वाले 8 मिसाइल दाग़े थे।
तेल-अवीव को दमिश्क़ एयर रूट पर आने जाने वाली यात्री उड़ानों की पूर्ण जानकारी है। इस्राईली रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता मेजर जनरल आईगोर कोनाशेनकोव का कहना है कि इस्राईल सैन्य पायलट हमले के दौरान, जानबूझकर यात्री विमानों की शरण लेते हैं और इंसानी जानों को ख़तरे में डालते हैं।
इससे पहले 2018 में इस्राईल के लड़ाकू विमानों ने रूस के सैन्य विमान आईएल-120 को शील्ड के रूप में इस्तेमाल किया था, जो सीरियाई एयर डिफ़ेंस सिस्टम का निशाना बन गया था और उस पर सवार रूस के 15 अधिकारी मारे गए थे। इस घटना के बाद ही रूस ने सीरिया को एस-300 एयर डिफ़ेंस सिस्टम दिया था।
एक दूसरी त्रासदी जनवरी के शुरू में ईरान में उस समय हुई थी, जब यूक्रेन एयरलाइन का एक यात्री विमान संभावित अमरीकी हमले के मद्देनज़र हाई अलर्ट के कारण, ईरान के मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम की भेंट चढ़ गया था। msm
एयरबस ए-320 ने ईरान की राजधानी तेहरान से सीरिया की राजधानी दमिश्क़ के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन इस्राईल के हवाई हमलों के बाद, उसे इमरजैंसी लैंडिंग के लिए मजबूर होना पड़ा।