दिल्ली की जनता ने मोदी सरकार को मुंह तोड़ जबाब दिया है।
30 जनवरी को गांधी स्मृति, दिल्ली से निकली भारत यात्रा की सत्रहवें दिन की शुरुआत एस एम जोशी फाउंडेशन से हुई जहां सुभाष वारे, फाउंडेशन के सचिव ने यात्रियों का स्वागत किया। सुभाष जी ने बताया कि संस्था समाजवादी आंदोलन के मूल्यों और संविधान के मूल्यों के बारे में जागरूकता पैदा करने में जुटी हुई है। इस संस्था के द्वारा एक संविधान साक्षरता अभियान भी चलाया गया है जिसके तहत 200 से ज्यादा शिविर लगे है, और इनमे किसानों से लेकर स्कूल के बच्चों ने भी भाग लिया है।
इसके बाद यात्री नाईगांव पहुंचे जहां सावित्री बाई फूले का जन्म हुआ था। यात्रियों ने उनके जन्मस्थान को देखा और उनके जीवन से प्रेरणा ली।
इसके बाद यात्री सतारा के प्रताप सिंह उच्चविद्यालय पहुंचे। विजय मांडके (उपाध्यक्ष, विद्रोही सांस्कृतिक मूवमेंट, महाराष्ट्र) ने बताया की यहां बाबा साहब अम्बेडकर ने 1900 से अपनी 4 वर्ष की पढ़ाई की थी। उस समय यह सरकारी स्कूल हुआ करता था।
स्कूल के प्राचार्य महोदय ने उस समय का रजिस्टर दिखलाते हुए बताया कि इस स्कूल में बाबा साहेब के अलावा काफी सारे उच्च पदों पर पहुंचे लोगों ने पढ़ाई की है जिनमें कई राज्यपाल, चांसलर, एल आई सी बीमा कंपनी के संस्थापक के अलावा और भी लोग शामिल है। इससे पता चलता है की उस दौर में सरकारी स्कूलों की क्या गुणवत्ता रही होगी।
यहां यात्रियों की मुलाकात सलमा कुलकर्णी जी से हुई जो घुमंतू जातियों के नेताओं के बारे में एक किताब लिख रही है। उन्होंने बताया की घुमंतू जातियों के मुद्दे काफी बार उठते है लेकिन बाकी मुद्दों के साथ, जिनके चलते उनपर ध्यान नही जाता है जबकि इन महत्व पूर्ण मुद्दों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की जरूरत है।
इसके बाद यात्री सतारा में जिलाधीश कार्यालय के बाहर 8 दिन से धरना दे रही महिलाओं है के बीच पहुंचे तथा समागम की ओर से समर्थन जाहिर किया। मिनाज सैय्यद, विजय मांडके और जयंत उठकले मुख्य रूप से मौजूद थे।
डॉ सुनीलम ने कहा कि मोदी सरकार कॉपोरेट को छूट और किसानों - मजदूरों की लूट करने वाली सरकार है। 2014 और 2019 के बीच इस सरकार ने पूंजीपतियों का 5,57,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ किया तथा इन्हें 4,30,000 करोड़ रुपये की टैक्स की छूट दी,इस तरह मोदी सरकार ने बड़े पूंजीपतियों को कुल दस लाख करोड़ रुपये की छूट दी। इस साल के बजट दस्त्वेजों में भी बताया गया है कि 2019-2020 में कंपनियों को आय कर में 1,07, 000 करोड़ रुपये की रियायतें तथा अन्य आय कर देने वाली इकाइयों को 1,25.000 करोड़ रुपये की छूट दी गई। इन अमीर घरानों पर 31 मार्च 2019 तक सरकार को करीबन ग्यारह लाख करोड़ रूपया का टैक्स बकाया है ,जो सरकार वसूल नहीं कर रही है। इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार नागरिकता कानून को लाई है ताकि जनता इन मुद्दों पर सवाल न पूछे। परन्तु अब जनता सवाल पूछने की बजाय जवाब दे रही है, दिल्ली की जनता ने मुंह तोड़ जवाब दिया है ,जिसे सरकार को सुनना होगा। नागरिकता कानून को रद्द करना होगा।
अधिवक्ता आराधना भार्गव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा की महिला होने के नाते उन्हें फक्र है की देश की महिलाएं आज़ादी के बाद पहली बार परिवर्तन की बड़ी लड़ाई का नेतृत्व कर रही है और समाजवादी समागम की यात्रा के माध्यम से उन्हें इन वीरांगनाओं से मिलने का मौका मिल रहा है।
कार्यक्रम में यात्री लोकेश भिवानी (हरियाणा), गणेश गोंदरे (महाराष्ट्र), स्वाति, प्रमिला और अंजना (उत्तराखंड), बाले भाई (मध्यप्रदेश ), रोहन गुप्ता (झारखंड), अधिवक्ता आराधना भार्गव (मध्य प्रदेश), नौनात लोंडे (महाराष्ट्र) ने भी अपने विचार रखे किये।
150वीं जयंती और समाजवादी आंदोलन के 85 वर्ष पूरा होने के अवसर पर स्वतंत्रता आन्दोलन, समाजवादी आन्दोलन के मूल्यों की पुनर्स्थापना तथा संवैधानिक मूल्यों की स्थापना, सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, बढ़ती बेरोजगारी एवं गैरबराबरी, मॉब लिंचिंग, करोड़ों आदिवासियों को उजाड़ने की साजिश, दलितों, महिलाओं एवं अल्पसंख्यकों पर बढ़ते जुल्मों, गहराते कृषि संकट, श्रम क़ानूनों को ख़त्म कर चार कोड लागू कर पच्पन करोड़ श्रमिकों के जीवन को असुरक्षित बनाने आदि मुद्दों को लेकर समाजवादी समागम द्वारा राष्ट्र सेवा दल, हिन्द मजदूर सभा, जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, हम समाजवादी संस्थायें, हम भारत के लोग,नशा मुक्त भारत आंदोलन , यूसुफ मेहेर अली सेंटर फैक्टर ,इंसोको और नशा मुक्त भारत आंदोलन के समर्थन से और डिजिटल मीडिया पार्टनर पैगाम के साथ भारत जोड़ो संविधान बचाओ समाजवादी समागम यात्रा निकाली गई है।
उल्लेखनीय है कि पहले चरण की यात्रा 16 राज्यों में होकर 23 मार्च को हैदराबाद में पूरी होगी । जहां डॉ लोहिया के जन्मदिवस और शहीद भगत सिंह जी के शहादत दिवस के अवसर पर समाजवादी समागम आयोजित किया जाएगा।
समाजवादी समागम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उद्देश्य स्वतंत्रता आन्दोलन , समाजवादी आन्दोलन एवं संवैधानिक मूल्यों की पुर्नस्थापना के साथ-साथ देशभर के समाजवादी, गांधीवादी, सर्वोदयी, वामपंथी, अंबेडकरवादी विचारधारा से जुड़े जन आंदोलनकारियों, मानव अधिकारवादियों, पर्यावरणवादियों एवं सभी लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास रखने वाले संगठनों और व्यक्तियों को स्थानीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों के माध्यम से एकजुट करना है।