साहित्य और समाज की महाश्वेतादेवी

महाश्वेता देवी का जन्मदिन  
( जन्म -14 जनवरी 1926)

1084वें की मां जैसी कृति के लिए चर्चित मीलू के लिए, मास्टर साब (लघुकथाएँ ) , स्वाहा, रिपोर्टर, वान्टेड (कहानियाँ ), नटी, अग्निगर्भ, झाँसी की रानी, मर्डरर की माँ, 1084 की माँ, मातृछवि, जली थी अग्निशिखा, जकड़न, जंगल के दावेदार (उपन्यास ), उम्रकैद, अक्लांत कौरव (आत्मकथा ),कृष्ण द्वादशी, अमृत संचय, घहराती घटाएँ, भारत में बंधुआ मजदूर, उन्तीसवीं धारा का आरोपी, ग्राम बांग्ला, जंगल के दावेदार, आदिवासी कथा, स्त्री पर्व (निबंध), चोट्टि मुंडा और उसका तीर (संस्मरण) श्री श्री गणेश महिमा, ईंट के ऊपर ईंट (यात्रा संस्मरण), - टेरोडैक्टिल, दौलति(नाटक ) जैसी कालजयी कृतियां लिखनेवाली व 'मेग्सेसे पुरस्कार' (1977), 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' (1979), 'पद्मश्री' (1986), 'ज्ञानपीठ पुरस्कार' (1996), 'पद्म विभूषण' (2006) से सम्मानित लेखन के साथ- साथ बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व पलामू आदिवासी क्षेत्र की सामाजिक कार्यकर्ता महाश्वेता जी के  जन्मदिन पर सादर स्मरण l