#न_बेचने_जायेंगे_न_खरीदने_आएंगे #8_जनवरी ; #ग्रामीण_भारतबंद_का-आव्हान

 


वर्ष 2020 की शुरुआत देश भर में विराट भागीदारी वाले जनसंघर्षों के साथ होगी।
● देश के 228 किसान संगठनों ने मिलकर 8 जनवरी को अखिल भारतीय ग्रामीण भारत बंद का आव्हान किया है। इस दिन किसान और ग्रामीण भारत के नागरिक न अपना कोई उत्पाद बेचने जायेंगे, ना ही कोई सामान खरीदने आयेंगे। इस दिन गाँवों में भी खेती-किसानी का कोई काम नहीं किया जाएगा। जगह जगह पर प्रदर्शन तथा रास्ता रोको आंदोलन भी किये जाएंगे।
● यह जानकारी अखिल भारतीय किसान सभा की मध्यप्रदेश इकाई के पदाधिकारियों की एक बैठक में बोलते हुए दी गई । यह बैठक ग्रामीण भारत बंद को सफल बनाने के लिए मध्यप्रदेश में जारी तैयारियों की समीक्षा तथा आगामी अभियान की रूपरेखा तय करने के लिए हुयी थी।
● ग्रामीण भारत बंद की मुख्य मांगों में मोदी सरकार द्वारा खेती और कृषि उत्पादन तथा विपणन में देसी विदेशी कारपोरेट कंपनियों की घुसपैठ का विरोध, किसान आत्महत्याओं की जिम्मेदार नीतियों की वापसी, खाद-बीज-कीटनाशकों के क्षेत्र में मिलावट, मुनाफाखोरी और ठगी तथा उपज के लाभकारी दामों से जुडी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट पर अमल की मांगे शामिल हैं।
● आजाद भारत के इतिहास में यह पहली मौक़ा है जब किसानो और ग्रामीणों ने इस तरह के आंदोलन का आव्हान किया है। गौरतलब है कि इसी दिन देश के प्रायः समस्त श्रमिक-कर्मचारी संगठनो ने भी अखिल भारतीय आम हड़ताल का नारा दिया है।
● अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, भूमि अधिकार आंदोलन सहित अनेक साझे मंचो ने भी इस हड़ताल का आव्हान किया है। रामनारायण कुररिया की अध्यक्षता मे हुयी अखिल भारतीय किसान सभा की प्रदेश इकाई की इस बैठक ने प्रदेश भर के बाकी किसान संगठनो, सामाजिक आंदोलनो से इस हड़ताल में भाग लेने की अपील दोहराई है