जिन्होंने खुदको बेच दिया, उन्हें ही शाहीन बाग़ की औरतें बिकाऊ नज़र आती है: कन्हैया

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित शाहीन बाग़ में नागरिकता कानून के विरो’ध में चल रहे प्र’दर्शन को लेकर बीजेपी के तरफ से ये दावा किया जा रहा है कि ये बिकाऊ है। और दर्शन में भाग लेने वाली महिलाएं रोज़ाना 500 रुपए प्रदर्शन स्थल पर आती है|भाजपा एक वीडियो के हवाले से यह दावा कर रही है। जिसमें एक शख़्स ये बताता हुआ नज़र आ रहा है कि प्रदर्शन स्थल पर महिलाएं शिफ्ट में आती हैं और उन्हें 500-1200 रुपए दिए जाते हैं। वहीं इस सन्दर्भ में यह भी बताया जा रहा है कि प्रदर्शन स्थल के बाहर जितनी भी दुकाने हैं, उनसे किराया नहीं लिया जा रहा है। जबकि उन दुकानों का किराया एक से डेढ़ लाख रुपए के करीब है|उधर वीडियो में नज़र आ रहा शख़्स कौन है, ये किसी को नहीं पती, न ही बीजेपी ने उसके बारे में कोई जानकारी दी है। शाहीन बाग़ की औरतों भी इस वीडियो को प्रदर्शन को बदनाम करने की कोशिश बता रही हैं। उनका कहना है कि बीजेपी शाहीन बाग की औरतों से डर गई है, इसलिए उसे महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए झूठ का सहारा लेना पड़ रहा है।इतना ही नहीं बल्कि वीडियो में जिन दुकानदारों के बारे में दावा किया जा रहा है, वो भी इसे झूठा बता रहे हैं और बीजेपी भी इसकी सत्यता को साबित करने में अब तक सफल नहीं हो पाई है| इसके बावजूद यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया जा रहा है और शाहीन बाग़ के प्रदर्शन को बिकाऊ बताया जा रहा है।इस सब के बिच विपक्षी पार्टियाँ और उसके नेता इसको लेकर बीजेपी पर नि’शाना साध रहे है| जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और युवा नेता कन्हैया कुमार ने भी इस मामले को लेकर बीजेपी पर तीखा ह’मला बोला है| उन्होंने कहा है कि जिन्होंने खुदको बेच दिया है,उन्हें ही दुनिया बिकाऊ नज़र आती है।कन्हैया कुमार ने एक ट्वीट के जरिये कहा है कि, “तुलसीदास कहते हैं कि ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत तिन देखी तैसी’ जिन्होंने खुदको बेच दिया है, उन्हें ही दुनिया बिकाऊ नजर आती है। सरकार को अपना ईमान बेचने वाले लोग डर गए हैं देश की महिलाओं के ज़ज्बे और हौसले से, इस कड़कड़ाती ठंड में संविधान बचाने के लिए उनके शानदार आन्दोलन से”।गौरतलब है कि शाहीन बाग़ में पिछले एक महीने से नागरिकता कानून के वि’रोध में प्र’दर्शन जारी है। जिसका कमान खुद महिलाओ ने संभाल रखा है| कड़ाके की ठंड में महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर तक़रीबन एक महीने से धरने पर बैठी हैं और उनकी मांग है कि संसोधित नागरिकता कानून वापस लिया जाये|


साभार दि हिंदी न्यूज़ लेटर