शास्त्रीय नर्तक, नृत्य निर्देशक और प्रशिक्षक मृणालिनी साराभाई का की आज चौथी पुण्यतिथि है l चार साल पहले आज के ही दिन उनका निधन हुआ था l वे भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना थीं। उन्हें 'अम्मा' के तौर पर जाना जाता था। शास्त्रीय नृत्य में उनके योगदान तथा उपलब्धियों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया था।
मृणालिनी साराभाई का जन्म भारतीय राज्य केरल में 11 मई, 1918 को हुआ था। अपने बचपन का अधिकांश समय मृणालिनी साराभाई ने स्विट्जरलैंड में बिताया। यहां 'डेलक्रूज स्कूल' से उन्होंने पश्चिमी तकनीक से नृत्य कलाएं सीखीं। उन्होंने शांति निकेतन से भी शिक्षा प्राप्त की थी।
मृणालिनी साराभाई ने भारत लौटकर जानी-मानी नृत्यांगना मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से भरतनाट्यम का प्रशिक्षण लिया था और फिर दक्षिण भारतीय शास्त्रीय नृत्य और पौराणिक गुरु थाकाज़ी कुंचू कुरुप से कथकली के शास्त्रीय नृत्य-नाटक में प्रशिक्षण लिया।
उनके पति विक्रम साराभाई देश के सुप्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे। उनकी बेटी मल्लिका साराभाई भी प्रसिद्ध नृत्यांगना और समाजसेवी हैं।
मृणालिनी की बड़ी बहन लक्ष्मी सहगल स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सुभाषचंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज की महिला सेना झांसी रेजीमेंट की कमांडर इन चीफ़ थीं।
भारत सरकार की ओर से मृणालिनी साराभाई को देश के प्रसिद्ध नागरिक सम्मान 'पद्मभूषण' और 'पद्मश्री' से सम्मानित किया गया था। 'यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट एंगलिया', नॉविच यूके ने भी उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी थी। 'इंटरनेशनल डांस काउंसिल पेरिस' की ओर से उन्हें एग्जीक्यूटिव कमेटी के लिए भी नामित किया गया था। प्रसिद्ध 'दर्पणा एकेडमी' की स्थापना मृणालिनी साराभाई ने की थी।
अफ़सोस है कि पद्म पुरस्कार से सम्मानित इस महान कलाकार के निधन पर हमारे प्रधानमंत्री ने ना शोक व्यक्त किया था और ना उनके सम्मान में दो शब्द कहे थे l
मृणालिनी साराभाई की बेटी मल्लिका साराभाई ने बड़े दुखीमन से कहा था कि - ‘माय डियर प्राइम मिनिस्टर, आप मेरी राजनीति को पसंद नहीं करते हैं और मैं आपकी। लेकिन कल्चर के लिए मृणालिनी साराभाई के 60 साल तक दिए गए योगदान से इसका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने हमारी संस्कृति को दुनियाभर में रोशन किया है और उनके निधन पर आपने एक शब्द नहीं कहा, इससे आपकी मानसिकता का पता चलता है। आप मुझसे कितनी ही नफरत क्यों न करते हों, लेकिन हमारे देश के प्रधानमंत्री के तौर पर आपको उनके योगदान का सम्मान करना चाहिए। आपने ऐसा नहीं किया, आपको शर्म आनी चाहिए।
भारत की प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्यांगना
मृणालिनी साराभाईको शत शत नमन
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