अंतर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सद्भावना युवा शिविर


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी की 150 वीं जयंती वर्ष में राष्ट्रीय युवा योजना एवं युवा संवाद अभियान की बिहार इकाई के  संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय मैत्री एवं सद्भावना युवा शिविर 28 दिसंबर ,2019 से 1 जनवरी, 2020 तक चंद्र शील डी ए वी पब्लिक स्कूल मोतिहारी में आयोजित किया गया। इस शिविर में भारत के 14 राज्य एवं नेपाल के लगभग 200 युवाओं ने भाग लिया।
शिविर का उद्घाटन प्रख्यात गांधीवादी एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत डॉक्टर एस एन सुब्बाराव ,  निदेशक,  राष्ट्रीय युवा योजना ने किया । उन्होंने कहा कि चंपारण तीर्थ स्थल है । यहां महात्मा गांधी ने देश में पहला सबसे बड़ा सत्याग्रह का सफल प्रयोग किया था।  यहां से हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के नये अध्याय की शुरुआत हुई । हिंसा के बीज की शुरुआत दिमाग से होती है।  गांधी ने हिंसा के बीज केनहीं  पनपने  देने की बात की, सत्याग्रह का विचार दिया । लोग हमसे पूछते हैं कि आज आप हिंसा का मुकाबला कैसे करेंगे।  मैं कहता हूं की हिंसा का जवाब ये  युवा है।  युवा ही हिंसा को खत्म करेंगे । भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां चार - चार धर्मों का उद्गम स्थल है ,सनातन या हिंदू धर्म,  बौद्ध, धर्म , जैन धर्म एवं सिख धर्म ।  विश्व के सभी प्रमुख धर्मों के मानने वाले यहां रहते हैं । इंडोनेशिया के बाद सबसे ज्यादा मुसलमान भारत में रहते हैं। धर्म के आधार पर पाकिस्तान बना वह टूट गया । भारत में विभिन्न धर्मों के मानने वाले एक साथ रहते हैं।  यहां विभिन्न धर्म, भाषा, जाति के लोग सब मिलकर साथ रहने  की परम्परा  हैं । विविधता में एकता देश की विशेषता है । यह देश की ताकत है । महात्मा गांधी के  18 रचनात्मक कार्यक्रमों में पहला कार्यक्रम कौमी एकता,  सर्व धर्म  समभाव है।  इसके लिए उन्होंने सर्व धर्म प्रार्थना की शुरुआत की।  जहां भी जाता हूं कोशिश करता हूं कि सार्वजनिक स्थलों पर सर्व धर्म प्रार्थना हो । इससे सुन्दर वातावरण बनता है। इसलिए ऐसे शिविरों में सर्व धर्म प्रार्थना नियमित रूप से शाम में किया जाता है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ गांधीवादी अमरनाथ भाई, पूर्व अध्यक्ष, सर्व सेवा संघ ने की। इस अवसर पर ब्रजकिशोर   सिंह, मंत्री, गांधी संग्रहालय, मोतिहारी , शत्रुघ्न झा , संस्थापक, विश्व मानव सेवा आश्रम , नरकटियागंज,  डॉ.  कमलेश कुमार एवं एच एस  शेखर अभियान ए एस पी अतिथि थे।  डीएवी स्कूल की तरफ से भाई जी एवं सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। स्वागत अध्यक्ष सी एस डी ए वी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य प्रणव कुमार ने भाई जी ,अतिथियों एवं शिविरार्थियों  का स्वागत किया । इस अवसर पर डीएवी पब्लिक स्कूल के छात्र -  छात्राओं ने गांधी के प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो तेने कहिए' की एवं देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।
भारत की संतान  - उद्घाटन सत्र का मुख्य आकर्षण अट्ठारह भारतीय भाषाओं का सु मधुर भारत भाषिणी  भारत की संतान का प्रस्तुतीकरण था।  जिसे भाई जी के मार्गदर्शन एवं नरेंद्र भाई के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया।  इसमें 18 भारतीय भाषाओं में देश की  सांस्कृतिक विविधता को बहुत ही कलात्मक और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया, जिसका उपस्थित लोगों पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा।
भव्य स्वागत -  रेलवे स्टेशन मोतिहारी पहुंचने पर शिविर में भाग लेने आए प्रतिभागियों का आयोजन समिति की तरफ से अमरेन्द्र  सिंह के नेतृत्व में भव्य स्वागत किया गया। उन्हें चंदन एवं माला पहनाकर बैंड बाजा के साथ गांधी की प्रतिमा तक जुलूस के रूप में ले जाया गया , जहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर अशोक भारत, शिविर संयोजक एवं अमरिंदर सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष, आयोजन समिति  ने राष्ट्रपिता की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके उपरांत विश्वजीत मुखर्जी ने  चंपारण सत्याग्रह के  बारे में जानकारी दी । रेलवे स्टेशन से शिवरार्थी  गांधी संग्रहालय मोतिहारी पहुंचे । जहां पर संग्रहालय के सचिव ब्रजकिशोर सिंह ने उनका स्वागत किया  और चंपारण सत्याग्रह के इतिहास की जानकारी दी । दोपहर का भोजन करने के बाद प्रतिभागी शिविर स्थल सी एस डी ए डी ए वी पब्लिक स्कूल मोतिहारी पहुंचे।
अमरनाथ भाई ने गांधी एवं विश्व शांति विषय पर शिवरार्थियों  का प्रबोधन किया । उन्होंने कहा कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है । आज दुनिया में जो विकास की नीति चल रही है वह लोभ  एवं भोग पर आधारित है।  इससे आर्थिक असमानता एवं पर्यावरण का संकट उत्पन्न हो रहा है, हिंसा एवं आतंकवाद पनप रहा है । उन्होंने कहा कि बंदूक से नहीं समानता एवं भाईचारा से हिंसा एवं आतंकवाद खत्म होगा। गांधी ने ग्राम स्वराज की बात की, जिसमें व्यक्ति से लेकर संपूर्ण विश्व के भलाई की बात है।  ग्राम स्वराज यानी स्थानीयकरण । वैश्वीकरण का जवाब है स्थानीयकरण।  मौजूदा विकास का जो तौर तरीका है उसमें हिंसा एवं विनाश के बीच पनप रहे हैं। इन सभी समस्याओं का समाधान गांधी विचार में है । सच को सच एवं गलत को गलत कहने की ताकत युवाओं में लाना बहुत जरूरी है।.
बापूधाम चंद्रहिया में सद्भावना मार्च -- 30 दिसंबर को बापूधाम चंद्रहिया में सद्भावना मार्च निकाला गया और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।   चंपारण सत्याग्रह से जुड़े चंद्रहिया के  इतिहास शिवरार्थियों  को बताया गया । उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल 1917 को महात्मा गांधी मोतिहारी से जसवल्लीपट्टी   जा रहे थे तब चंद्रहिया  में एक दरोगा ने उनसे कहा कि कलेक्टर ने उन्हें सलाम किया है वहां से गांधी जी उनके साथ मोतिहारी लौट आए । धरणीधर बाबू  एवं राम नवमी  प्रसाद को जसवल्लीपट्टी जाकर जांच पूरा करने का निर्देश दिया। रास्ते में उन्हें उप पुलिस अधीक्षक मिला जिसने उन्हें एक नोटिस दिया उस  नोटिस में गांधीजी की उपस्थिति से जिले में शांति भंग होने,  उपद्रव फैलाने की बात कही गई थी। उनके आने का उद्देश आंदोलन करना था। उन्हें तत्काल जिला छोड़ने का निर्देश दिया गया था। 
ध्वज बंधन  - शिविर में प्रतिदिन ध्वज वंदन का कार्यक्रम होता था।  29 तारीख को भाईजी मुख्य अतिथि थे । उन्होंने झंडे का इतिहास बताया । नरेंद्र भाई एवं नीरज कुमार ने तकनीकी पक्ष की जानकारी दी । 30 तारीख को सी एस डीएवी के प्राचार्य  प्रणव कुमार   तथा 31 दिसंबर को गोपाल प्रसाद संयुक्त वाणिज्य आयुक्त अतिथि थे । अतिथियों ने  राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका तथा गांधी विचार की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।
समूह चर्चा  - शिविर में 30 दिसंबर को 'गांधी जैसा हमने समझा' विषय पर समूह चर्चा हुई।  चर्चा में शिविर को 10 समूह में विभक्त किया गया और चर्चा के उपरांत प्रत्येक समूह की तरफ से एक युवक एवं युवती  ने अपने समूह की रिपोर्ट प्रस्तुत की । समूह की रिपोर्ट प्रस्तुत करने वाले में राहुल , आस्था, सत्य, शांता ,श्रेया ,चन्द्र शेखर दास ,संदीप प्रवीण, कल्याणी ,के करुणाकरण एवं  सोनेलाल आदि शामिल थे।
सर्व धर्म प्रार्थना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम -  प्रतिदिन शाम में 6:00 बजे से सर्व धर्म प्रार्थना एवं उसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता था।  जिसमें शिवरार्थी एवं स्थानीय लोगों की बहुत ही जीवंत भागीदारी होती थी । पंजाब, त्रिपुरा ,राजस्थान ,मध्य प्रदेश, बिहार ,केरल, तमिलनाडु ,आदि राज्यों की टीम ने अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन से भारत की सांस्कृतिक विविधता का सजीव चित्र प्रस्तुत किया एवं शिविर को यादगार बनाया।
गांधी चित्र प्रदर्शनी - इस अवसर पर  गांधी जी के व्यक्तित्व एवं कृत्तित्व  पर आधारित 100 चित्रों की प्रर्दशनी भी लागाई गई, जिसका उद्घाटन भाई जी ने  29 दिसम्बर को किया ।
वृक्षारोपण - शिविर  के दौरान विद्यालय में शिविर के संयोजक अशोक भारत एवं चन्द्रशील डी ए वी मोतिहारी  के प्राचार्य प्रणव कुमार ने आम का पेड़ लगाकर शिविर की स्मृति को स्थायी बना दिया। यह वृक्ष क्लीन एवं ग्रीन संस्था के प्रमुख अमरेंद्र सिंह ने शिविर के  संयोजक अशोक भारत को भेट दिया था।
 शिविर की  शुरुआत युवा गीत से होता था ।उसके बाद योगा तथा श्रम संस्कार का कार्य होता था ।श्रम- संस्कार उसके  बाद ध्वज बंधन तदुपरांत चर्चा सत्र।   दोपहर में भोजन के बाद चर्चा सत्र तदुपरांत खेल और विश्राम के बाद सर्व धर्म  प्रार्थना एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि  शिविर के नियमित कार्यक्रम थे। 
नए वर्ष का स्वागत: 31 दिसंबर को शिवरार्थियों ने  जोरदार सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कैंप फायर,  गीत संगीत से सराबोर नये वर्ष का स्वागत किया तथा एक दूसरे को नए साल की शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर शिविरार्थियों के बीच मिठाई का भी वितरण किया गया। 
शिविर के सफल आयोजन के लिए मोतिहारी में एक आयोजन समिति का गठन किया गया था जिसके प्रधान संरक्षक ब्रजकिशोर सिंह, पूर्व मंत्री, सचिव, गांधी संग्रहालय ,मोतिहारी थे । प्रो.  राम निरंजन पांडे , श्री राय सुंदर देव शर्मा,  इंजीनियर धर्मवीर प्रसाद, श्री विनय कुमार सिंह एवं श्री ब्यास प्रसाद सिंह   संरक्षक, अध्यक्ष डॉक्टर अब्दुल रहमान ,कार्यकारी, अध्यक्ष श्री अमरेन्द्र सिंह, महासचिव विनय कुमार, उपाध्यक्ष ,जन्मजय कुमार मिश्र, दिग्विजय कुमार, आलोक कुमार, विनय कुमार संयुक्त सचिव भोला नाथ सिंह, सचिव सुजीत कुमार सिंह ,अमन कुमार, ब्रज किशोर पांडे, आहार समिति के संयोजक उमेश चंद्र ,चंपारण दर्शन समिति के विश्वजीत मुखर्जी एवं  सुशील कुमार, साहित्यिक सांस्कृतिक समिति के प्रसाद रत्नेश्वर  एवं मुक्तिनाथ शर्मा ,स्वास्थ समिति के डॉ धनंजय कुमार श्रीवास्तव  एवं वीरेंद्र कुमार योगाचार्य ,आवास समिति के जगजीवन राम, सूचना एवं जनसंपर्क समिति,  कुमार संदीप कुमार ,सोशल मीडिया समिति राजगुरु, आकाश कुमार तिवारी ,मीडिया समिति कृष्णकांत  बनाए गए। अमरेन्द्र सिंह एवं विनय कुमार के गतिशील नेतृत्व में एवं ब्रजकिशोर सिंह के मार्गदर्शन में आयोजन समिति के सभी सदस्यों ने पूरे उत्साह एवं लगन से शिविर को सफल बनाने अपना योगदान दिया। शिविर को सफल बनाने में आवासीय टर्निंग प्वाइंट स्कूल, साहेबगंज के निदेशक ओमप्रकाश प्रसाद एवं प्राचार्या सुनीता कुमारी ने उल्लेखनीय योगदान दिया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने शिविर के कार्यक्रम में भाग लिया। 
शिविर का संचालन अशोक भारत एवं नीरज कुमार ने किया किया।  शिविर के सफल संचालन में धर्मेंद्र सिंह राजपूत ,डॉ रामेश्वर, लवली ,धर्मेंद्र, मुकेश चंद्र झा,सोनू सरकार ,संजय कुमार बब्लू , मुकेश ठाकुर, महामाया, सुधांशु शेखर , , केशव पाण्डेय, प्रभात कुमार के आदि ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
शिविर के समापन पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया गया जिसे आयोजन समिति के सदस्यों एवं इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों उषा शर्मा, ब्रज किशोर सिंह , अमरनाथ भाई आदि ने प्रदान किया ।उल्लास पूर्ण वातावरण में शिविर संपन्न हुआ। शिविर के सफल आयोजन में योगदान के लिए डी ए वी के प्राचार्य प्रणव कुमार एवं शिक्षकों तथा आयोजन समिति के सदस्यों को सम्मानित किया गया। शिविर में  भारत की संतान के निदेशक नरेन्द्र भाई तथा एन वाई पी , दिल्ली के कार्यालय सचिव धर्मेन्द्र भाई को सम्मानित किया गया।  भाईजी को 30-31 दिसम्बर को दिल्ली में हास्पीटल में जांच करना था, इसलिए उन्हें 29 ता. को दोपहर में  दिल्ली जाना पड़ा । लेकिन शिविर निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।