1. मानव संसाधन विकास मंत्रालय की रैंकिंग के हिसाब से देश के शैक्षणिक संस्थानों में सातवें और विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान पर है- JNU
2. JNU से देश के छ रक्षा संस्थान सबद्ध हैं। इनमें नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) पुणे और भारतीय नौसेना अकादमी प्रमुख है।
3.JNU से देश के 12 शोध और विकास संस्थान संबद्ध हैं। इसमें भाभा अटॉमिक रिसर्च सेंटर प्रमुख है।
4.यूनेस्को और यूनिसेफ सहित अनेक विश्व संस्थाएं रिसर्च इत्यादि के लिए JNU को अनुदान देती हैं।
5.स्कूल शिक्षा का बेहतरीन आधुनिक मॉडल - जवाहर नवोदय विद्यालय( JNV) एवम् फेमिली प्लानिंग के कांसेप्ट पर कार्ययोजना JNU ने ही तैयार करके केंद्र सरकार को दी थी।
6. JNU में छात्रों पर वार्षिक परीक्षा का भयभीत कर देने वाला बोझ कभी नहीं रहा। देश में सेमेस्टर प्रणाली सबसे पहले JNU ने ही शुरू की। JNU में नकल का कानून नहीं है। क्योंकि पेपर ही ऐसा बनाया जाता है कि अगर आपने अध्ययन नहीं किया है तो किताब पास में रखकर भी आप कुछ नहीं लिख पाएंगे।इतना ही नहीं अगर कोई छात्र पेपर के लिए निर्धारित तीन घंटे के बाद भी पेपर लिखना चाहता है तो उसे लिखने दिया जाता है तांकि छात्र अपनी पूरी बात पेपर में लिख सके।
7. सूचना के अधिकार कानून से पूर्व ही JNU में छात्रों को परीक्षा की कॉपी देखने का अधिकार रहा है।
8. JNU में कभी छात्रों की अटेंडेंस नहीं की जाती, फिर भी कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति उच्चतम रहती है।
9. यदि कक्षा में निर्धारित समय में किसी टॉपिक पर बहस अधूरी रह जाती है तो वह काशीराम या गंगा ढाबे पर आधीरात के बाद जारी रहती है, जहाँ प्रोफेसर और छात्र एक साथ उपस्थित रहते हैं। JNU ने खुद को ऐसे विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया है जहाँ छात्र आधी रात को भी अपने शिक्षक के घर जाकर उससे मदद ले सकता है।
10. इंडियन सिविल सर्विस हो या इंडियन इकॉनॉमिक सर्विस, JNU सर्वाधिक चयन देने वाला संस्था रहा है। JNU से पासआउट में से 99 प्रतिशत छात्र विदेशों में नौकरी पाने की योग्यता रखने के बावजूद ज्यादतर भारत में ही नौकरी करते हैं, जबकि IIT - IIM के लगभग 50 प्रतिशत पासआउट विदेश चले जाते हैं।
स्रोत: - दैनिक भास्कर व JNU वेबसाइट
#सम्पादित @ मंजूलभरत